Edited By ,Updated: 19 Mar, 2017 11:45 AM
कई बार व्यक्ति ऐसे कार्य कर लेता है जिसके कारण भगवान शिव और माता पार्वती क्रोधित हो जाते हैं। ऐसा व्यक्ति कितना भी पूजा-पाठ कर ले उन्हें शुभ फल की प्राप्ति
कई बार व्यक्ति ऐसे कार्य कर लेता है जिसके कारण भगवान शिव और माता पार्वती क्रोधित हो जाते हैं। ऐसा व्यक्ति कितना भी पूजा-पाठ कर ले उन्हें शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती। शिव पुराण में कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए कुछ पाप वर्णित हैं जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते। भोलेनाथ की पूजा करने से व इन कार्यों को त्यागकर भोलेनाथ के क्रोध से बचा जा सकता है।
किसी दूसरे के धन अौर स्त्री पर बुरी नजर रखना, चोरी करना, जुआ खेलना, माता-पिता और देवी-देवताओं का सम्मान न करना एवं साधु संतों से अपनी सेवा करवाने वाले व्यक्ति से भगवान शिव क्रोधित होते हैं।
शिव पुराण के अनुसार किसी भोलेभाले इंसान को कष्ट देना अौर बुरा न करके उसके बारे में बुरी सोच रखना भी पाप की श्रेणी में आता है।
गर्भवती महिला को कठोर वचन कहना या अपनी बातों से उसका दिल दुखाना भी भोलेनाथ की नजरों में घोर पाप होता है।
गलत तरीकों से दूसरों की संपति को छीनना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना भी पाप है। ऐसा करने से भी व्यक्ति पाप का भागी बन सकता है।
निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुक्सान पहुंचाना या उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखने वाले को भी भगवान शिव कभी माफ नहीं करते।
शराब पीना, गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं जिसे भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते।
बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्त व्यक्ति भी पाप का भागी बनता है।