Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jul, 2017 11:09 AM
गुरु को भगवान के समान पूजनीय माना जाता है। गुरु अपने शिष्यों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें अंधकार से प्रकाश की अौर लेकर जाते हैं। गुरु ही व्यक्ति का जीवन में
गुरु को भगवान के समान पूजनीय माना जाता है। गुरु अपने शिष्यों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें अंधकार से प्रकाश की अौर लेकर जाते हैं। गुरु ही व्यक्ति का जीवन में सफलता के लिए उचित मार्गदर्शन करता है। 9 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करता है, उसका जीवन सफल हो जाता है। यहां कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिन्हें गुरु के सामने नहीं करना चाहिए। इन कामों को करने से गुरु का अपमान होता है।
शिष्य को सदैव गरु का सम्मान करना चाहिए। शिष्य को कभी भी गुरु के समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए। यदि गुरु जमीन पर विराजमान हैं तो शिष्य को भी वहीं बैठना चाहिए।
शिष्य को गुरु के सामने पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए। गुरु के सामने शिष्य को किसी दीवार के सहारे भी नहीं बैठना चाहिए।
गुरु के सामने शिष्य को भूलकर भी अश्लील शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
गुरु से मिलने खाली हाथ न जाएं, कुछ न कुछ अवश्य लेकर जाएं।
गुरु शिष्य को सत मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। जब गुरु ज्ञान दे रहें हों तो अालस्य त्याग कर मन लगाकर सुनें।
गुरु के सामने कभी भी धन का प्रदर्शन न करें। जब भी उनके सामने जाएं तो सादे कपड़े पहन कर जाना चाहिए।
जब भी गुरु का नाम लें तो उनके नाम के आगे आदरणीय या परमपूज्य शब्द अवश्य लगाएं।
जितना दोषी किसी की बुराई करने वाला होता है, उतना ही सुनने वाला भी होता है। किसी के भी सामने गुरु की बुराई न करें। यदि कोई बुराई कर भी रहा है तो वहां से उठकर चले जाना चाहिए।