Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Sep, 2018 12:05 PM
गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया है। जो व्यक्ति जाने-अनजाने इस रात चांद को देख लेता है, उस पर एक साल तक झूठे इल्जाम लगते हैं।
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गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया है। जो व्यक्ति जाने-अनजाने इस रात चांद को देख लेता है, उस पर एक साल तक झूठे इल्जाम लगते हैं। ये बात कोरा वहम नहीं है, इसके बहुत सारे प्रमाण शास्त्रों में मिलते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने भी चतुर्थी के चांद को देख लिया था, उन पर भी स्यमन्तक मणि की चोरी का इल्जाम लगा था। शास्त्रों में बताए गए एक श्लोक के अनुसार-
श्लोक: भाद्रशुक्लचतुथ्र्यायो ज्ञानतोऽज्ञानतोऽपिवा। अभिशापीभवेच्चन्द्रदर्शनाद्भृशदु:खभाग्॥
अर्थात: जो जानबूझ कर अथवा अनजाने में ही भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करेगा, उसको श्राप लगेगा और बहुत दुःख उठाने पड़ेंगे। शास्त्र गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लेने पर कलंक अवश्य लगता है। ऐसा गणेश जी का वचन हैं। यदि भूल से चंद्र दर्शन हो जाए तो 14 सितंबर को करें ये उपाय।
यदि आप पर कोई झूठा इल्जाम लगा है तो इस मंत्र का जाप करें।
मिथ्या आरोप निवारक मंत्र: सिंह प्रसेनम् अवधात, सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्रास स्वमन्तक॥
करें यह उपाय
भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुने यां पाठ करें।
सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जांबवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।। इस मंत्र का का 21 बार जाप करें।
एक पत्थर अपने पड़ोसी की छत पर फैंक दीजिए।
शाम के समय अपने अतिप्रिय निकट संबंधी से कटु वचन बोलें तत्पश्चात अगले दिन प्रातः उससे से क्षमा मांग लें।
आईने में अपनी शक्ल देखकर उसे बहते पानी में बहा दें।
21 अलग-अलग पेड़-पौधों के पत्ते तोड़कर अपने पास रखें।
मौली में 21 दूर्वा बांधकर मुकुट बनाएं तथा इस मुकुट को गणपति मंदिर में गणेश जी के सिर पर सजाएं।
रात के समय मुहं नीचे करके और आंखें बंद करके आकाश में स्थित चंद्रमा को आईना दिखाइए तथा आईने को चौराहे पर ले जाकर फैंक दीजिए।
गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति पर 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेश जी की प्रतिमा के पास रखकर शेष ब्राह्मणों में बांट दें।
शाम के समय सूर्यास्त से पहले किसी पात्र में दही में शक्कर फेंट लें, इस घोल को किसी दोने में रख लें तथा इस घोले में अपनी शक्ल देखकर अपनी समस्या मन ही मन कहें तत्पश्चात इस घोल को किसी श्वान को खिला दें।
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