सूर्य और चंद्रमा को इस समय देखना होता है अपशकुन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 01:22 PM

do not see sun and moon at this time

व्यक्ति के जीवन पर सर्वाधिक असर डालते हैं सूर्य और चंद्रमा। सूर्य दोष होने पर असाध्य रोगों के कारण परेशानी होती है सिरदर्द, बुखार, नेत्र संबंधी कष्ट, सरकार के कर विभाग से परेशानी, नौकरी में बाधा जैसी परेशानीयां आती है।

व्यक्ति के जीवन पर सर्वाधिक असर डालते हैं सूर्य और चंद्रमा। सूर्य दोष होने पर असाध्य रोगों के कारण परेशानी होती है सिरदर्द, बुखार, नेत्र संबंधी कष्ट, सरकार के कर विभाग से परेशानी, नौकरी में बाधा जैसी परेशानीयां आती है। चंद्र दोष होने पर जुखाम, पेट की बीमारियों से परेशानी, घर में असमय पशुओं की मत्यु, अकारण शत्रुता, धन हानि, डिप्रेशन और मानसिक अवसाद जैसी परेशानीयां आती है।


शास्त्रों में कहा गया है कि ॥ अस्तकाले रविं चन्द्रं न पश्चेद व्याधिकारणम्॥ (ब्रह्मवैवर्त पुराण श्रीकृष्ण 75/24) 


अर्थात: सूर्य और चंद्रमा को डूबते हुए नहीं देखना चाहिए। इससे नेत्र रोग होने का खतरा बना रहता है। यह अपशकुन के प्रतीक माने गए हैं। सूर्योदय देखना लाभदायक होता है।


सूर्यदेव के उदय होते ही दिन का शुभारंभ होता है और रात होते ही दिन का अंत। भोर होते ही निद्रा का त्याग कर देना चाहिए। जो लोग सूर्योदय उपरांत सोते रहते हैं उन्हें मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती। 


नवग्रहों में चंद्रमा का स्थान द्वितीय है। श्री महाभारत में लिखा है कि पूर्णिमा को चंद्रोदय के समय तांबे के बर्तन में मधुमिश्रित पकवान यदि चंद्र देवता को अर्पित किया जाए तो इससे  चंद्र देवता को तृप्ति तो होती ही है साथ ही साथ आदित्य, विश्वदेव, मरुद्गण, वायुदेव तथा अश्विनीकुमार भी प्रसन्न एवं तृप्त हो जाते हैं।

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