Edited By Jyoti,Updated: 28 Sep, 2019 02:16 PM
आचार्य चाणक्य, ऐसी महान विभूति थे जिनके पास ज्ञान का भंडार है। अपने इसी ज्ञान के दम पर इन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को मौर्य वंश का साम्राट बना दिया।
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आचार्य चाणक्य, ऐसी महान विभूति थे जिनके पास ज्ञान का भंडार है। अपने इसी ज्ञान के दम पर इन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को मौर्य वंश का साम्राट बना दिया। हमेशा की तरह आज भी हम आपके लिए लाएं हैं चाणक्य द्वारा बताई गई कुछ ऐसी ही बातें जिसके बारे में जानना हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। यूं तो आचार्य चाणक्य की पुस्तक चाणक्य नीति में अनेकों नीतियां मगर जिस नीति के बारे में हम बात करने वाले हैं उसमें चाणक्य ने ऐसी 4 बातों के बारे में बताना चाहा है कि जिन्हें जितना किसी से छिपा कर रखा जाए उतना ही नही अच्छा होता है। इनके अनुसार अगर इन बातों को किसी से शेयर किया जाए तो हर तरफ़ से परेशानियां इंसान को घेर लेती हैं। तो चलिए उस श्लोक के बारे में जिसमें उन्होंने बताई हैं वो 4 बातें-
श्लोक:
अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च।
नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत्।।
अगर आप को किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि हुई है तो इस बारे में कभी किसी को नहीं बताएं। क्योंकि ऐसा माना जाता है जिस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है लोग उसकी मदद करने से डरते हैं। या यूं कहें कि उसका साथ छोड़ देते हैं। इसलिए ऐसी बातों को गुप्त रखना ही अच्छा होता है।
आगे चाणक्य कहते हैं अपने मन का संताप किसी को ज़ाहिर नहीं करना चाहिए। क्योंकि लोग आपके दुख को समझने के बजाए उसका मजाक बनाते हैं जिससे यह दुख और भी अधिक बढ़ जाएगा। इस संदर्भ में संत रहीमदास जी का एक दोहा मिलता है-
रहिमन निज मन की व्यथा मन ही राखो गोय।
सुन इठलइहैं लोग सब बांट न लइहैं कोय।।
अपनी गृहणी का चरित्र। कहते हैं समझदार पुरुष को कभी अपनी पत्नी के चरित्र के बारे में किसी से कुछ नहीं कहना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो पुरुष अपनी पत्नी के साथ हुए झगड़े, सुख-दुख आदि बातों को दूसरों के सामने जाहिर करते हैं उन्हें भविष्य में भयंकर मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
अपने साथ हुए अपमान या बोले गए अपशब्दों के बारे में किसी को भी नहीं बताएं। माना जाता है ऐसी बातें दूसरों को पता चलने से खुद की प्रतिष्ठा कम होती है आपका मजाक बनाते हैं।