Edited By ,Updated: 16 Apr, 2017 02:01 PM
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप बहुत भोले हैं। वे अपने भक्तों द्वारा अर्पित एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप बहुत भोले हैं। वे अपने भक्तों द्वारा अर्पित एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग के पूजन से सभी देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। जिन भक्तों पर भगवान शिव की कृपा हो जाती हैं उन्हें आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही पापों का नाश हो सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
प्रतिदिन शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत अर्थात दूध, दही, शक्कर, घी अौर शहद का मिश्रण।
प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में जल अौर काले तिल मिलाएं। उसके बाद इस जल को शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है।
शाम को प्रतिदिन शिवलिंग के पास दीपक प्रज्वलित करें।
सुबह उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर शिवालय जाकर शिवलिंग पर चावल अर्पित करें। ऐसा करने से धन-संपत्ति अौर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
प्रतिदिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से 'ऊँ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
तांबे के लोटे में जल अौर केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
विवाह में आ रही अड़चन दूर करने के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर केसर मिला दूध अर्पित करें। इससे विवाह के योग जल्दी बनते हैं।
भगवान शिव पर जौ अर्पित करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है