Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 08:37 AM
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
जो देवी सब जीवों में शक्ति सामर्थ्य रूप से रहती हैं, उन्हें नमस्कार है, नमस्कार है, नमस्कार है। असुरों के संहार के लिए देवताओं ने शक्ति का आह्वान किया। उसी जगत जननी...
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
जो देवी सब जीवों में शक्ति सामर्थ्य रूप से रहती हैं, उन्हें नमस्कार है, नमस्कार है, नमस्कार है। असुरों के संहार के लिए देवताओं ने शक्ति का आह्वान किया। उसी जगत जननी शक्ति की आराधना हम आज भी नवरात्रों के दौरान करते हैं। वह शक्ति जिसके बिना त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी अपूर्ण हैं। उस सम्पूर्ण शक्ति का नाम है देवी भगवती दुर्गा। मां का अभिप्राय: सिर्फ मां से ही हो सकता है। न उसका कोई पर्यायवाची हो सकता है, न बहुवचन। एक मां के दर्द को मां ही समझ सकती है। फिर वह जगत जननी भी हो तो? जगत जननी माता जगदम्बा दुर्गा का प्रादुर्भाव ही कल्याण के लिए, भक्तों को अभयदान देने के लिए, असुरों का नाश करने के लिए हुआ है। उनका हेतु और ध्येय सिर्फ एक है। अपने बच्चों का मंगल करना उनका विघ्न हरना, उनका जीवन मंगलमय बनाना। नवरात्रि के 9 दिनों में कभी भी घर में ये उपाय करेंगे तो महालक्ष्मी की रहमत आपके घर-परिवार पर बरसेगी।
ज्योतिष विद्वानों का मानना है की देवी लक्ष्मी को गोमती चक्र बहुत भाते हैं। जब भी घर में लक्ष्मी पूजन करें इन्हें साथ में अवश्य रखें। मनचाहे धन की इच्छा पूरी न हो रही हो तो 2 गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर घर की चौखट पर लटका दें। धन आने के स्त्रोत बनने लगेंगे।
कुशल विद्वान से शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करवाएं। पूजा में 11 गोमती चक्र रखें तत्पश्चात इन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपने गल्ले या तिजोरी में रख दें। धन से भर जाएगा आपका भंडार।
1 गोमती चक्र का विधि-विधान से पूजन करके उसे अपने पर्स में रख लें। कभी भी आर्थिक कमी से परेशान नहीं होंगे।
गंभीर से गंभीर रोग को दूर भगाने के लिए 7 गोमती चक्र रोगी के ऊपर से वारकर बहते पानी में बहा दें। संजीवनी बूटी से प्रभाव शीघ्र ही देखने को मिलेगा।