Edited By Lata,Updated: 21 Nov, 2019 10:40 AM
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ व व्रत रखना बहुत मायने रखता है। कहते हैं कि भगवान की कृपा व आशीर्वाद
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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ व व्रत रखना बहुत मायने रखता है। कहते हैं कि भगवान की कृपा व आशीर्वाद को पाने के लिए हर किसी को व्रत रखना चाहिए और साथ ही भगवान की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ ही करनी चाहिए। ऐसे में हर हफ्ते में पड़ने वाले उपावास का अपना एक अलग ही महत्व होता है। वहीं गुरुवार के व्रत की बहुत मान्यता है, इस दिन श्री हरि की कृपा तो मिलती ही है लेकिन अगर विधि से पूजन किया जाए तो माता लक्ष्मी की कृपा को पाया जा सकता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है और साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
शास्त्रों के अनुसार पुरुष यह व्रत लगातार 16 गुरुवार कर सकते हैं परन्तु महिलाओं या लड़कियों को यह व्रत तभी करना चाहिए जब वो पूजा कर सकती हैं, मुश्किल दिनों में यह व्रत नहीं करना चाहिए।
बृहस्पतिवार व्रत विधि
इस व्रत को रखने के लिए चने की दाल, गुड़, हल्दी, थोड़े से केले, एक उपला हवन इत्यादि सामग्रियों की जरूरत पड़ती है। इसी के साथ भगवान विष्णु जोकि माता लक्ष्मी के साथ हो, उनकी प्रतिमा रखें।
व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान कर घर के मंदिर में जाएं और भगवान को साफ कर उन्हें चावल एवं पीले फूल अर्पित करें। अब 16 गुरुवार व्रत करने का संकल्प करिए और भगवान को छोटा पीला वस्त्र भी अर्पण करिए।
इस व्रत की विधि केले के पेड़ के सामने भी कर सकते हैं। एक लोटे में जल रख लीजिए उसमें थोड़ी हल्दी डालकर विष्णु भगवान या केले के पेड़ की जड़ को स्नान कराइए। अब उस लोटे में गुड़ एवं चने की दाल डाल के रख लीजिए।
अगर आप केले के पेड़ की पूजा कर रहें हैं तो उसी पर जल का ये मिश्रण चढ़ा दीजिए और अगर विष्णु जी की पूजा कर रहे हैं तो इस जल को पूजा के बाद पौधों में डाल दीजिए। अब भगवान को हल्दी या चंदन से तिलक लगाएं। इसके बाद पीला चावल जरुर चढ़ाएं, घी का दीपक जलाकर कथा पढ़िए।
इस दिन हवन करें और इस दौरान 5, 7 या 11 बार ॐ गुं गुरुवे नमः मन्त्र का जाप करें और हवन पूरा करने के बाद भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आरती उतारें। अंत में क्षमा प्रार्थना करना न भूलें। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी।