Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Apr, 2020 06:59 AM
पुराणों के मतानुसार शनि देव को परमात्मा ने सभी लोकों का न्यायाधीश बनाया है। शनिदेव त्रिदेव और ब्रह्मांड निवासियों में बिना किसी भेद के उनके किए कर्मों की सजा उन्हें देते हैं। जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव पड़ता है तो वह...
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पुराणों के मतानुसार शनि देव को परमात्मा ने सभी लोकों का न्यायाधीश बनाया है। शनिदेव त्रिदेव और ब्रह्मांड निवासियों में बिना किसी भेद के उनके किए कर्मों की सजा उन्हें देते हैं। जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव पड़ता है तो वह पाठ-पूजा और तंत्र-मंत्र के माध्यम से शनिदेव को खुश करने में जुट जाता है। शास्त्रों में सेवा, दान-पुण्य और मानव-प्रेम ऐसे तीन काम हैं जिन्हें आप अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बना लेंगे तो शनि आप पर कभी अपना दुष्प्रभाव नहीं डालेंगे। इसके अतिरिक्त
सोमवार के दिन शिवालय में पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें।
शनिवार के दिन काले शिवलिंग पर सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करें।
शारीरिक कष्ट से मुक्ति हेतु महादेव के महामृत्युंजय मंत्र का यथा संभव जाप करें।
काले कपड़े में नारियल उड़द व कागज़ी बादाम बांधकर शिवालय में चढ़ाएं।
महादेव के अचूक अमोघ शिव कवच का नियमित पाठ करें।
सोमवार के दिन शिवालय में तिल के तेल का दीपक करें।
काले धागे में सात दाने 7 मुखी रुद्राक्ष प्राणप्रतिष्ठा करवाकर गले में धारण करें।
सोमवार के दिन काले आसान पर बैठकर व पश्चिममुखी होकर रूद्राष्टक का पाठ करें।