Edited By Lata,Updated: 28 May, 2019 05:53 PM
शास्त्रों के अनुसार पशु-पक्षियों में छठी इंद्रियां होने की बातें अक्सर सुनी जाती हैं। कुछ जीव ऐसे होते हैं कि जिनकी किसी न किसी हरकत से व्यक्ति को
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शास्त्रों के अनुसार पशु-पक्षियों में छठी इंद्रियां होने की बातें अक्सर सुनी जाती हैं। कुछ जीव ऐसे होते हैं कि जिनकी किसी न किसी हरकत से व्यक्ति को आने वाले समय के बारे में पता चल जाता है। ठीक ऐसे ही शास्त्रों में कुत्ते को सम का दूत माना जाता है। श्वान यानि कुत्ते को यमराज से जोड़ा गया है अत: अशुभ है। ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले श्वानों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिए आते हैं। अत: श्वानों की आवाज को जघन्य माना गया है तथा इनका देखना भी अमांगलिक समझा गया है, क्योंकि मृतात्माओं को इनकी दृष्टि से बचाने के लिए सावधान किया गया है। सूत्र-ग्रंथों में भी श्वान को अपवित्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है। इस धारणा का कारण भी श्वान का यम से संबंधित होना है।
श्वान का गृह के चारों ओर घूमते हुए क्रंदन करना अपशकुन या अद्भुत घटना कहा गया है और इसे इन्द्र से संबंधित भय माना गया है। अत: श्वान के संबंध में वैदिक साहित्य में अपशकुन सूचक होने की ही प्रबल धारणाएं पाई जाती हैं, किंतु ईरान में श्वान के प्रति शुभ शकुनसूचक भावनाएं पाती जाती हैं।
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भारत में भी श्वान को गुरु ग्रह से संबंधित माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार काले कुत्ते को नियमित रूप से रोटी खिलाने से शिवदेव की कृपा को प्राप्त किया जा सकता है और इसके साथ ही कालाष्टमी वाले दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ होता है।
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