Edited By Lata,Updated: 22 May, 2019 03:57 PM
सांप के देखते ही लोग उसे देखकर दूर भाग जाते हैं, क्योंकि वह बहुत जहरीला होता है। अगर वो किसी को काट ले तो उस इंसान की मौत उसी समय हो जाती है।
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सांप के देखते ही लोग उसे देखकर दूर भाग जाते हैं, क्योंकि वह बहुत जहरीला होता है। अगर वो किसी को काट ले तो उस इंसान की मौत उसी समय हो जाती है। ठीक उसके जैसा ही बिच्छू का विश होता है, वह भी अगर किसी को काट ले और अगर सही समय पर इलाज हो तो मृत्यु निश्चित है। कई लोग इन जीवों को मारते भी हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हिंदू धर्म में सांप को पूजनीय माना गया है। नाग पंचमी के दिन इनकी पूजा की जाती है। किंतू क्या किसी को इस बात का पता है कि ये जीव पहले समय में विषहीन थे। अगर नहीं जानते आप तो हम आपको इससे जुड़ी एक कथा के बारे में आज बताने जा रहे हैं।
विष्णु पुराण के अनुसार सांप पहले विषहीन थे, लेकिन जब सागर मंथन हुआ तो उसमें से जब विष निकाला था। तब देवों से वह विष का प्याला संभाला न गया। देवतागण चिंतित हो गए कि हलाहल अगर संसार में रह गया तो कोई भी जीवित नहीं रह पाएगा। देवताओं की चिंता को दूर करने के लिए महादेव ने उस विष को पीया था जिसकी वजह से शिव का गला नीला पड़ गया था और तभी से उन्हें नीलकंठ के नाम से पुकारा जाने लगा। लेकिन शिव द्वारा विष पीते समय विष की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर पड़ी। तभी सांप और बिच्छूओं ने इस विष को पी लिया।
वहीं विष्णु पुराण में जो कथा मिलती है उनके मुताबिक तो यही है कि यह जीव पहले विषहीन थे। नाग पंचमी के दिन सांपों को लोग बड़ी श्रद्धा के साथ पूजते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनके जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहे। जबकि अन्य दिनों सांप को देखकर ही लोगों के पसीने छुटने लगते हैं।