Edited By Lata,Updated: 20 Feb, 2020 11:20 AM
हिंदू धर्म में हर मास में आने वाली अमावस्या तिथि की अपनी महत्वता होती है। वहीं फाल्गुन मास की
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हिंदू धर्म में हर मास में आने वाली अमावस्या तिथि की अपनी महत्वता होती है। वहीं फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि भी अपने आप में खास है। कहते हैं कि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, दान और श्राद्ध किया जाता है। इसी के साथ इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना भी बेहद शुभ होता है। बता दें कि इस साल ये दिन 23 फरवरी को पड़ रहा है। शास्त्रों में इसकी महत्वता अलग ही बताए गई है, आइए जानते हैं।
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महत्व:
फाल्गुन मास की अमावस्या के बारे में मान्यता ऐसी भी है कि इस दिन देवताओं का वास संगम के तट पर होता है। इसलिए इस दिन प्रयाग में स्नान करना शुभ मानते हैं। यदि आप साल में आने वाली सभी अमावस्या तिथियों पर पितरों के लिए श्राद्ध नहीं कर पाते हैं तो कुछ अमावस्याएं विशेष तौर पर श्राद्ध तर्पण के कार्य के लिए शुभ मानी गई है, जिनमें से फाल्गुन अमावस्या एक है। कालसर्प दोष के निवारण के लिए भी ये तिथि खास होती है।
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अमावस्या के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। सुख, सौभाग्य और शांति के लिए ये व्रत काफी फलदायी माना गया है। इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करें। उनकी आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।