Edited By Lata,Updated: 23 Feb, 2020 09:41 AM
आज 23 फरवरी फाल्गुन माघ की अमावस्या तिथि है। कहते हैं कि ये दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए होता है।
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आज 23 फरवरी फाल्गुन माघ की अमावस्या तिथि है। कहते हैं कि ये दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए होता है। माना जाता है कि इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। आज के दिन किया गया तर्पण सालभर लाभ दिलाता है। अगर किसी के घर में किसी तरह की कोई भी समस्या चल रही हो तो वह किसी न किसी कारण से होती है और ये कारण पितरों के निमित्त तर्पण न करने से भी हो सकता है। ऐसे में हर किसी को अमावस्या तिथि पर अपने पितरों को प्रसन्न करके उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद पाना चाहिए।
तर्पण विधि
फाल्गुन अमावस्या के दिन तर्पण के लिए सूर्योदय के समय उठकर स्नान कर लें। इसके बाद सूर्य को जल अर्पण करते हुए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र बोलें।
इसके बाद तर्पण के लिए आसान पर बैठ जाएं। फिर जहां बैठे हैं उस स्थान को साफ कर पितरों का तर्पण शुरू करें।
पितरों के तर्पण में तिल का खास महत्व बताया गया है। इसलिए पितृ तर्पण में तिल मिला हुआ जल का इस्तेमाल करना चाहिए।
तर्पण पूरा होने के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंदों को भोजन कराएं। भोजन के बाद अपनी क्षमता के मुताबिक उन्हें दक्षिणा दें।
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फाल्गुन अमावस्या के दिन तर्पण के लिए दक्षिण दिशा का उपयोग करना चाहिए। तर्पण कुश की अंगूठी पहनकर करना चाहिए। तर्पण दोपहर के बाद करना चाहिए।
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तर्पण मुहूर्त
अमावस्या तिथि का आरंभ 22 फरवरी की शाम 7 बजकर 04 मिनट पर हो रहा है। इसके साथ ही अमावस्या तिथि का समापन 23 फरवरी की रात 09 बजकर 03 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में पितरों के निमित्त अर्पण के लिए शुभ मुहूर्त 23 फरवरी को दोपहर के बाद करना सही होगा।