बच्चों की उन्नति के लिए Follow करें इन बातों को, फौरन दिखने लगेंगे अच्छे परिणाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 12:07 PM

follow these steps for the progress of the children

हर कोई चाहता है कि उनका बच्चा जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ता ही जाए, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी कसर रह ही जाती है। काफी हद तक संभव है कि ऐसा वास्तुदोष के कारण हो रहा हो। गृ

हर कोई चाहता है कि उनका बच्चा जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ता ही जाए, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी कसर रह ही जाती है। काफी हद तक संभव है कि ऐसा वास्तुदोष के कारण हो रहा हो। गृह स्वामी को अपने घर के संपूर्ण वास्तु-विचार के साथ-साथ अपने बच्चों के कमरे के वास्तु का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की उन्नति के लिए उनका वास्तु अनुकूल ग्रह यानी कमरे में निवास करना आवश्यक है।अपने घर के वास्तु में थोड़ा सुधार करके हम अपने बच्चों के भविष्य को पटरी पर ला सकते हैं। 


 बच्चों के कमरे में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि घर में होने वाला शोरगुल उन्हें बिलकुल बाधित न करे। इसलिए बच्चों के कमरे से घर की तरफ कोई झरोखा खुला हुआ नहीं होना चाहिए। अगर कमरे से अटैच टॉइलेट-बाथरूम हो तो यह पश्चिम या वायव्य दिशा में हो सकता है।


 बच्चा निरोग रहते हुए उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर रहे, इसके लिए बच्चे के कमरे का रंग उसके शुभ रंग के अनुसार ही होना चाहिए। इसके अलावा घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य में हो सकता है लेकिन दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय में बच्चों का कमरा नहीं होना चाहिए। 


बच्चों की राशि ग्रह के मुताबिक ही उनके कमरे का तथा पर्दों का रंग होना चाहिए। इसके अलावा पर्दों का रंग दीवार के रंग से थोड़ा गहरा भी होना चाहिए। बच्चों के पलंग को अधिक ऊंचा नहीं रखें, और वह इस तरह से रखा जाए कि बच्चों का सिरहाना पूर्व दिशा की ओर हो और पैर पश्चिम की ओर। बिस्तर के उत्तर दिशा की ओर टेबल एवं कुर्सी होनी चाहिए। पढ़ते समय बच्चे का मुंह पूर्व दिशा की ओर तथा पीठ पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। यदि कंप्यूटर भी बच्चे के कमरे में रखना हो तो पलंग से दक्षिण दिशा की ओर आग्नेय कोण में रखा जा सकता है। 


यदि बच्चे एक से अधिक हों तो जो बच्चा बड़ा हो या महत्वपूर्ण विद्यार्जन कर रहा हो, उसके अनुसार दीवारों का रंग रखें। यदि दोनों हम उम्र हों तो उनके कमरे में दो भिन्न-भिन्न शुभ रंगों का भी प्रयोग किया जा सकता है। नैऋत्य कोण में बच्चों की पुस्तकों की रैक तथा उनके कपड़ों वाली अलमारी रख सकते हैं। जबकि खिड़की, एसी तथा कूलर उत्तर दिशा की ओर। 


बच्चों के कमरे में पर्याप्त रोशनी आनी चाहिए। व्यवस्था ऐसी हो कि दिन में पढ़ते समय उन्हें कृत्रिम रोशनी की आवश्यकता ही न हो। जहां तक संभव हो सके, बच्चों के कमरे की उत्तर दिशा को बिलकुल खाली रखें।


बच्चों के कमरे में स्‍थित चित्र और पेंटिंग्स की स्‍थिति उनके विचारों को प्रभावित करती है इसलिए हिंसात्मक, फूहड़ और भड़काऊ पेंटिंग्स बच्चों के कमरे में कभी नहीं होने चाहिए। महापुरुषों के चित्र, पालतू जानवरों के चित्र, प्राकृतिक सौंदर्य वाले चित्र या पेंटिंग्स बच्चों के कमरे में हो सकती हैं। 


भगवान गणेश तथा सरस्वती जी का चित्र कमरे के पूर्वी भाग की ओर होना चाहिए। इन दोनों देवी-देवताओं को बुद्धिदाता माना जाता है अत: सौम्य मुद्रा में श्री गणेश तथा सरस्वती की पेंटिंग या चि‍त्र बच्चों के कमरे में अवश्य लगाएं। 


आपका बच्चा जिस क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देख रहा है, उस करियर में उच्च सफलता प्राप्त व्यक्तियों के चित्र अथवा पेंटिंग्स भी आप अपने बच्चों के कमरे में लगा सकते हैं। यदि बच्चा छोटा हो, तो कार्टून आदि की पेंटिंग्स भी लगाई जा सकती है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!