Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 12:53 PM
रिश्तों की अहमियत संपत्ति से कहीं अधिक है। एक सर्वेक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया है की सुखी वैवाहिक जीवन का निर्वाह करने वाले शादीशुदा लोग कुंवारों से अधिक स्तुष्ट जीवन जीते हैं।
रिश्तों की अहमियत संपत्ति से कहीं अधिक है। एक सर्वेक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया है की सुखी वैवाहिक जीवन का निर्वाह करने वाले शादीशुदा लोग कुंवारों से अधिक स्तुष्ट जीवन जीते हैं। कुछ ऐसे कपल्स भी होते हैं, जो एक-दूसरे पर जान छिड़कते हैं लेकिन बात-बात पर बेवजह उन में कलह होती रहती है। पति-पत्नी परस्पर सहयोग व शांति से रहें। लडऩे-झगडऩे अथवा चिल्लाकर बोलने से आभामडंल पर बुरा असर होता है। घर का प्रवेश द्वार सदैव साफ-सुथरा रखें। प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती रहेगी।
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी का पलंग टूटा हुआ बिल्कुल न हो। यदि पलंग ठीक नहीं होगा तो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।
पूर्णिमा के दिन घर में सत्यनारयण की कथा करें अथवा करवाएं। श्री हरि और देवी लक्ष्मी को हलवे का भोग लगाएं।
दंपत्ति अपने बेडरूम में श्रीराधाकृष्ण की रास करती हुई चित्रपट लगाएं।
मंगलवार और शनिवार को घर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
अपने पति से आत्मिक प्रेम बढ़ाने के लिए रात को सोने से पहले अपने पति के सिरहाने एक चुटकी सिंदूर रखें, सुबह देवी पार्वती को प्रणाम करके उस सिंदूर को अपनी मांग में सजा लें।
पति से प्रेम और सुख पाने के लिए पत्नी को हमेशा पीले रंग की चूड़ी पहन कर रखनी चाहिए।
घर में खाने-पीने का कोई भी सामान लाएं, सर्वप्रथम उसे अपने इष्ट को भोग लगाएं। ऐसा करने से आपकी गृहस्थी सदा खुशहाल बनी रहेगी।
वैवाहिक जीवन से परेशानियों को छूमंतर करने के लिए रविवार को छोड़कर प्रतिदिन घर में गौमूत्र का छिड़काव करें।