Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2021 06:45 AM
फाल्गुन महीने को ऋतुराज बसंत का महीना माना जाता है। वैदिक पंचांग का यह बारहवां महीना है अर्थात यह पंचांग का अंतिम महीना है। यह फाल्गुन माह पूर्णिमांत के अनुसार होगा।
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2021 Phulera Dooj- फाल्गुन महीने को ऋतुराज बसंत का महीना माना जाता है। वैदिक पंचांग का यह बारहवां महीना है अर्थात यह पंचांग का अंतिम महीना है। यह फाल्गुन माह पूर्णिमांत के अनुसार होगा। सुख-समृद्धि एवं संतान की प्राप्ति की इच्छा रखने वालों को इस महीने बाल कृष्ण की आराधना करनी चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक चंद्रमा का जन्म भी फाल्गुन मास में ही हुआ था। इस माह चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। फाल्गुन का महीना जीवन की नई शुरूआत का महीना है। इस महीने महाशिवरात्रि और रंगों का पर्व होली प्रमुख माने जाते हैं। इसी महीने में होलाष्टक आठ दिनों का समय होता है, जिसमें सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं, इस महीने भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
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श्री राधा-कृष्ण के मंदिर में अबीर-गुलाल चढ़ाएं। फिर आज से आरंभ करके जब तक विवाह न हो जाए हर रोज़ अपने मस्तक पर इस अबीर-गुलाल का तिलक लगाएं।
सारा दिन मन ही मन राधे-राधे का जाप करते रहें।
जिस बेड पर आप सोते हैं, वहां गुलाबी धागा बांधें।
गुलाबी रंग के कपड़े पहनें।
सात्विक भोजन खाएं।
श्री राधाकृष्ण को खीर का भोग लगाएं।
राधारानी को 16 श्रृंगार का सामान भेंट करें। फिर उसमें से कोई भी एक वस्तु अपने लिए निकाल कर अन्य सारी चीज़े किसी सुहागन महिला को उपहार स्वरुप दे दें। महिला जाती से ब्राह्मण हो तो ज्यादा अच्छा है।
अपने घर के मंदिर में रंग-बिरंगे फूलों से राधाकृष्ण के चित्र या स्वरुप का श्रृंगार करें।