Edited By Lata,Updated: 13 Jun, 2019 01:05 PM
हमारे हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को बहुत महत्व दिया गया है। कहते हैं कि इसका पाठ रोज़ाना करने से व्यक्ति को मन की शांति के साथ-साथ सभी कष्टों का निवारण होता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को बहुत महत्व दिया गया है। कहते हैं कि इसका पाठ रोज़ाना करने से व्यक्ति को मन की शांति के साथ-साथ सभी कष्टों का निवारण होता है। गायत्री जयंती ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। गायत्री मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारी और फायदेमंद बताया गया है। आज हम आपको बताएंगे कि गायत्री मंत्र को किस तरह से जपना चाहिए।
पूजा के समय आपको भी आती है उबासी तो ज़रूर देखें ये VIDEO
वेदों की कुल संख्या चार है। इन चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित तीन बार इसका जप करने वाले व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक शक्तियां यानि भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती हैं। गायत्री मंत्र के जप से कई प्रकार का लाभ मिलते हैं। यह मंत्र कहता है 'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।' यानि इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानि स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।
कहते हैं कि गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं। लेकिन एक बात का ख्याल रखें कि रात्रि में इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि रात में गायत्री मंत्र का जाप करने से कोई लाभ नहीं मिलता है।
आप भी पूजा में काले कपड़े पहनकर जाते हैं तो... (VIDEO)
गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर हैं और यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक माने गए हैं। यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है।
आर्थिक मामलों में परेशानी आने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थिक बाधा दूर होती है।
छात्रों के लिए यह मंत्र बहुत ही फायदेमंद है। ऐसा कहा जाता है कि गायत्री सदबुद्धि का मंत्र है, इसलिए इसे मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।
कहते हैं नियमित रूप से 108 बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्धि प्रखर और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है।