Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Apr, 2021 06:49 AM
Navratri 2021 1st Day: आज शुक्लपक्ष की प्रतिपदा का पहला दिन है। इस दिन की शुरुआत मां दुर्गा के
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Navratri 2021 1st Day: आज शुक्लपक्ष की प्रतिपदा का पहला दिन है। इस दिन की शुरुआत मां दुर्गा के पहले रुप की वंदना करके शुरु करें। मां शैलपुत्री मनोवांछित फल, विजय दिलवाने, रोगों का नाश करने वाली देवी हैं। इनकी पूजा और वंदना से आप अपने घर में पूरे वर्ष भर सुख-समृद्धि का वास महसूस करेंगे। यूं तो मां के नौ रुपों का अलग-अलग महत्व है परंतु मां के पहले रुप की महिमा अपरंपार है। शैलपुत्री का अर्थ हिमालय की पुत्री है। हिमालय पर्वत अद्वितिय जड़ी-बूटियों का खजाना है। मां की पूजा से आपका जीवन सुखी एवं संपन्न बन सकता है।
How do Shailputri Pooja आइए, इन खास विधियों से मां शैलपुत्री की उपासना करें-
आज के दिन गृह शांति और मंगल कामना के लिए इस विधि से पूजा करें- लकड़ी के लाल पाटे पर मां शैलपुत्री के चित्र को स्थापित करें। जल से भरा हुआ कुंभ, लाल पुष्प, कुमकुम, लाल वस्त्र, श्रृंगार का सामान सभी वस्तुएं मां शैलपुत्री को अर्पित करें।
अपने हाथ में लाल पुष्प पकड़े हुए मां के इन मंत्रों का 108 बार जाप करें। मंत्र संख्या पूरी होने के बाद पुष्प मां को अर्पित करें। पूजा विधि के समापन पर पुष्प अपने लॉकर या धन रखने के स्थान पर स्थापित करें। पश्चिम दिशा धन रखने का सर्वोत्तम स्थान है।
Maa shailputri mantra ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
मां शैलपुत्री की पूजा उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करने से अधिक लाभ मिलता है। नवरात्र में उत्तर दिशा की तरफ पानी का कुंभ, मां दुर्गा के नव रुपों का चित्र घर में स्थापित करने से आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं और व्यापार में वृद्धि होती है।
मां के कंजक रुप के पदचिन्ह लाल रंग में बनाकर घर की उत्तर की दिवार अथवा घर की दहलीज पर बनाने से पूरा वर्ष मां की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहेगी।
मां शैलपुत्री का वाहन बैल यानी वृषभ है। अत: वृषभ राशि वालों के लिए इनकी पूजा विशेष फलदाई रहती है।
सरकारी कामों में सफलता के लिए मां शैलपुत्री का ध्यान करें।
नीलम
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