सोमवार का गुडलक- दुर्घटनाओं से मिलेगी सुरक्षा

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 09 Apr, 2018 07:17 AM

आज सोमवार दिनांक 09.04.18 को वैसाख कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि उत्तराषाढा नक्षत्र, तैतिल करण व सिद्ध योग बन रहा है। चंद्र व नवमी तिथि, सिद्ध योग का संबंध, स्वास्थ्य, सौभाग्य, मन, इंद्रियों व सौन्दर्य पर होता है। इस लिहाज से आज देवी गौरी का पूजन करना...

सोमवार दिनांक 09.04.18 को वैसाख कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि उत्तराषाढा नक्षत्र, तैतिल करण व सिद्ध योग बन रहा है। चंद्र व नवमी तिथि, सिद्ध योग का संबंध, स्वास्थ्य, सौभाग्य, मन, इंद्रियों व सौन्दर्य पर होता है। इस लिहाज से आज देवी गौरी का पूजन करना अच्छा रहेगा। देवी गौरी चंद्रमा पर अपना आधिपत्य रखती हैं। देवी गौरी व्यक्ति की मानसिक स्थिति, पारिवारिक संबंध, हेल्थ, सौभाग्य, माता, इंद्रियों व देहिक सौन्दर्य, रूप व यौवन पर अपना शासन रखती है। देवी गौरी के तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमय है। इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी गौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ-निशुंभ का अंत किया। गौरी ही महादेव की पत्नी शांभवी हैं।


पुराणों के अनुसार एक समय में पार्वती तपस्या के कारण सांवली हो जाती हैं, ऐसे में महादेव उन्हें गंगा में स्नान करवाते हैं। जिनसे देवी का वर्ण अत्यंत गौर हो जाता है, उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत हो जाती है। ऐसे में महादेव देवी को गौर वर्ण का वरदान देती हैं। देवी सफ़ेद वस्त्रों में श्वेत रंग के वृष पर सवार हैं। चतुर्भुजी देवी गौरी अपनी ऊपरी दाईं भुजा में अभय मुद्रा से भक्तों को सुख प्रदान करती हैं, निचली दाईं भुजा में त्रिशूल से संसार पर अंकुश रखती हैं, ऊपरी बाईं भुजा में डमरू से जगत का संचालन करती हैं व निचली बाईं भुजा से वरदान देती हैं। 


गौरी व्यक्ति के संबंध, शत्रुनाश, रोग नाश, विवाह, गृहस्थी व आयु का संचालन करती हैं। देवी गौरी की अराधना से रोगों का नाश होता है, दांपत्य सुखी रहता है व दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है। 


पूजन विधि: घर के ईशान कोण में सफ़ेद कपड़े पर देवी गौरी का चित्र स्थापित कर उसका दशोपचार पूजन करें। केसर मिले गौघृत का दीप करें, मोगरे की धूप करें, सफ़ेद फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, दूध-शहद चढ़ाएं व मावे की मिठाई का भोग लगाएं तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग कन्या को खिलाएं।


पूजन मंत्र: ॐ गौर्यै देव्यै: नमः॥
पूजन मुहूर्त: प्रातः 07:30 से दिन 08:30 तक। 


शुभ मुहूर्त
शुभ वेला -
सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक। 
अमृत वेला - शाम 16:30 से शाम 18:00 तक। 
गुलिक काल - दिन 13:30 से दिन 15:00 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:36 से दिन 12:24 तक।


अशुभ मुहूर्त
राहु काल -
सुबह 07:30 से सुबह 9:00 तक।
वार वेला - शाम 15:00 से शाम 16:30 तक।
काल वेला - सुबह 07:30 से सुबह 09:00 तक।
यमगंड काल - सुबह 10:30 से दिन 12:00 तक। 


यात्रा मुहूर्त: दिशाशूल पूर्व व राहुकाल वास वायव्य में है। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।


लकी मंत्र: ॐ शिवप्रियाय नमः॥


आज का लकी-अनलकी 
लकी कलर: सफ़ेद।
अनलकी कलर: काला।
लकी दिशा: ईशान।
अनलकी दिशा: वायव्य।


आज के स्पेशल उपाय
हेल्थ:
पीपल के पेड़ पर दूध चढ़ाएं।
एजुकेशन: सफ़ेद कागज़ पर "ज्ञान" लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
वेल्थ: शिवलिंग पर चढ़ा 2रू का सिक्का पर्स में रखें। 
प्रॉफ़ेशन: ऑफिस की दराज़ में चावल के 4 दाने रखें। 
लव: देवी गौरी पर 5 सफ़ेद फूल चढ़ाएं।
मैरिज: बेडरूम में रातरानी के इत्र का छिड़काव करें। 
फॅमिली: घर के मेन गेट पर सफ़ेद धागा बांधें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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