सोमवार का गुडलक: दूर होगी घर-परिवार से दरिद्रता

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 30 Apr, 2018 06:58 AM

सोमवार दिनांक. 30.04.18 को वैशाख के अंतिम दिन वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्यविनायक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन में पवित्र सरिताओं में मुख्यतः नर्मदा, शिप्रा व गंगा नदी में प्रातः काल में स्नान करने का शास्त्रों में विधान है।...

सोमवार दिनांक. 30.04.18 को वैशाख के अंतिम दिन वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्यविनायक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन में पवित्र सरिताओं में मुख्यतः नर्मदा, शिप्रा व गंगा नदी में प्रातः काल में स्नान करने का शास्त्रों में विधान है। जिससे सब पापों से निवृत्ती मिलती है। पद्म पुराण के अनुसार वैशाख मास में प्रात: स्नान करने पर अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है। इस दिन मिष्ठान, सत्तू, जलपात्र, वस्त्र दान करने व पितृ तर्पण करने से बहुत पुण्य प्राप्ति होती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु के नवे अवतार बुद्ध का जन्म हुआ था। इस पूर्णिमा को सत्यविनायक पूर्णिमा भी कहते हैं।


श्रीकृष्ण के बचपन के दरिद्र मित्र ब्राह्मण सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे तो श्रीकृष्ण ने उनको सत्यविनायक व्रत का विधान बताया था। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की दरिद्रता दूर हुई थी व सुदामा सर्वसुख सम्पन्न व ऐश्वर्यशाली हो गए थे। इस दिन यमराज व चित्रगुप्त की पूजा करने का विधान है। इस व्रत से यमराज की प्रसन्नता से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। इस दिन यमराज के निमित्त जलपूर्ण कलश व पकवान दान करने से गोदान के समान फल मिलता है। पांच ब्राह्मणों को मीठे तिल दान देने से सब पापों का क्षय होता है। इस दिन पानी में तिल मिलाकर स्नान किया जाता है। घी, चीनी व तिलों से भरा पात्र भगवान सत्यनारायण को चढ़ाया जाता है। घी, चीनी व तिलों से अग्नि में आहुति दी जाती है। तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है। तिल घी व शहद का तर्पण किया जाता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण का व्रत करने से सब प्रकार के सुख, सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति होती है, सर्व कार्यों में जीत मिलती है, सर्व रोगों का नाश होता है, पारिवारिक संबंध सुदृढ़ होते हैं।

   
पूजन विधि: घर की उत्तर दिशा में सफ़ेद कपड़ा बिछाकर दो कलश स्थापित करें। पीतल का कलश भगवान नारायण के लिए और स्टील का कलश यमराज के लिए। जल भरे पीतल व स्टील के कलश पर नारियल रखकर दोनों का दशोंपचार पूजन करें। केसर मिले गौघृत का दीप करें, चंदन से धूप करें, सफ़ेद व पीले रंग के फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, दूध-शहद चढ़ाएं। घी, तिल व शहद अर्पित करें व मावे की मिठाई का भोग लगाएं तथा 1-1 माला इन विशिष्ट मंत्रों को जपें। पूजन के बाद सामाग्री ब्राह्मणों को दान करें।


पूजन मुहूर्त: सुबह 09:30 से सुबह 10:30 तक।


नारायण पूजन मंत्र: ॐ सत्यनारायणाय नमः॥
यमराज पूजन मंत्र: ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्। 


आज का शुभाशुभ
अमृत वेला - शाम 16:30 से शाम 18:00 तक। 
गुलिक काल - दिन 13:30 से दिन 15:00 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:36 से दिन 12:24 तक।
राहु काल - सुबह 07:30 से सुबह 9:00 तक।
यमगंड काल - सुबह 10:30 से दिन 12:00 तक। 


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पूर्व व राहुकाल वास वायव्य में है। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
कुंद।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण-पूर्व।
आज का गुडलक मंत्र: ॐ बुद्धावताराय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 18:30 से शाम 19:30 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: अकाल मृत्यु से मुक्ति के लिए यमराज के निमित्त तिल के तेल का अष्टमुखी दीपक जलाएं।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: दरिद्रता दूर करने के लिए भगवान नारायण पर चढ़ा शहद 5 ब्राह्मणों को दान करें।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: सुख, सम्पदा की प्राप्ति के लिए सत्यनारायण पर चढ़ा शरबत भरा मिटटी का कलश किसी गरीब को दान करें। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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