शनिवार का गुडलक- भाई-बहन के हर कष्ट का होगा अंत, करें ये काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Mar, 2018 07:23 AM

शनिवार दि॰ 03.03.18 चैत्र कृष्ण द्वितीया पर होली भ्रातृ द्वितीया का पर्व मनाया जाएगा। हर हिन्दू वर्ष में दीपावली व होली के दो दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। इस तिथि पर भाई अपने घर मुख्य भोजन नहीं करते।

शनिवार दि॰ 03.03.18 चैत्र कृष्ण द्वितीया पर होली भ्रातृ द्वितीया का पर्व मनाया जाएगा। हर हिन्दू वर्ष में दीपावली व होली के दो दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। इस तिथि पर भाई अपने घर मुख्य भोजन नहीं करते। भाई अपनी बहन के घर जाकर उन्हीं के हाथ से बने हुए पुष्टिवर्धक भोजन को स्नेह पूर्वक ग्रहण करते हैं। इस दिन बहने अपने भाईयों की पूजा व सत्कार करती हैं तथा भाई अपनी बहनों को वस्त्र, आभूषण उफार देते हैं। सगी बहन के अभाव में किसी भी बहन के हाथ का भोजन करना चाहिए। 


शास्त्रों में यमुना अर्थात यमी को यमराज की बहन बताया गया है। यमी अनुसार इस दिन भाई–बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों का हस्त पूजन करती हैं। भाई के हाथों में चावल का घोल व सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर पानी हाथों पर छोड़ते हुए विशेष श्लोक कहती है। बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती करके हथेली में कलावा बांधती हैं। इस पूजन से भाई की रक्षा होती है अगर भाई को भयंकर पशु काट भी ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं लेते। इस दिन संध्या में यम व यमी यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रख जाता है व यमराज का विशेष पूजन किया जाता है। भाई दूज व यम द्वितीया के विशेष पूजन उपाय से भाई-बहन के सारे कष्ट दूर होते हैं, उन्हे हर कार्य में सफलता मिलती है तथा उनकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। 


विशेष पूजन: दक्षिणमुखी होकर यमराज का दशोपचार पूजन करें। सरसों के तेल का दीप करें, लोहबान की धूप करें, तेजपत्ता चढ़ाएं, सुरमा चढ़ाएं, लौंग, नारियल, काली मिर्च, बादाम चढ़ाएं तथा रेवड़ियों भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें। इसके बाद रेवड़ियां प्रसाद स्वरूप में किसी कुंवारी को बांट दें।


पूजन मंत्र: ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्॥
पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:10 से दिन 12:10 तक।


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 12:10 से दिन 12:56 तक।
आज का अमृत काल: दिन 14:05 से शाम 15:36 तक।
आज का राहु काल: प्रातः 09:40 से प्रातः 11:06 तक।
आज का गुलिक काल: प्रातः 06:48 से प्रातः 08:14 तक। 
आज का यमगंड काल: दिन 13:59 से शाम 15:25 तक।


यात्रा महूर्त: दिशाशूल - पूर्व, राहुकाल वास - पूर्व। अतः आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
नीलकांता।
आज का गुडलक दिशा: पश्चिम।
आज का गुडलक मंत्र: क्लीं कृष्णप्रियाय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 18:05 से शाम 19:05 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: मृत्यु भय से मुक्ति हेतु शाम में दक्षिणमुखी होकर सरसों के तेल का दोमुखी दीपक करें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: भाई-बहन की सुख-सुविधाओं में वृद्धि हेतु उनकी कलाई पर सतरंगी कलावा बांधें।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: भाई-बहन के सर्व कष्ट दूर करने के लिए राई, लौंग व उड़द उनके सिर से वारकर कर्पूर से जला दें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


 

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