शनिवार का गुडलक: देवी धूमावती देंगी जादू-टोने से छुटकारा

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 07 Apr, 2018 07:31 AM

शनिवार दिनांक 07.04.18 को वैसाख सप्तमी तिथि मूल नक्षत्र में आई है। आज के  योग में देवी जेष्ठा अर्थात धूमावती का पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। पद्मपुराण के अनुसार दुर्भाग्य की देवी ज्येष्ठा लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं।

शनिवार दिनांक 07.04.18 को वैसाख सप्तमी तिथि मूल नक्षत्र में आई है। आज के  योग में देवी जेष्ठा अर्थात धूमावती का पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। पद्मपुराण के अनुसार दुर्भाग्य की देवी ज्येष्ठा लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं। इनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। परंतु यह देवी लक्ष्मी के बिल्कुल विपरीत हैं। यह सदैव देवी लक्ष्मी के साथ रहती हैं व इनका निवास पीपल है। शास्त्रों ने इन्हें दरिद्रता, अलक्ष्मी व धूमवती भी कहा है। ये अशुभता, पाप, आलस, गरीबी, दुख, कुरूपता पर आधिपत्य रखती हैं। कौए पर सवार जेष्ठा के पूजन से ये घर से दूर रहती है व जीवन से दुख, दुर्भाग्य, दरिद्रता को दूर करती हैं। 


पौराणिक मतानुसार जब माता सती ने पिता के यज्ञ में स्वेच्छा से स्वयं को जला कर भस्म कर दिया तो उनके जलते हुए शरीर से जो धुआं निकला, उससे धूमावती का जन्म हुआ। अतः धूमावती धुएं के रूप में सती का भौतिक स्वरूप हैं। धूमावती रोग, शोक और दुख की नियंत्रक महाविद्या मानी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्रानुसार धूमावती का संबंध केतु ग्रह से है व इनका नक्षत्र ज्येष्ठा है। ये श्वेत वस्त्र धारण किए हुए, खुले केश रुप में होती हैं। ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुण्डली के बारहवें भाव से मोक्ष, बैंक से ऋण या किसी भी प्रकार का लोन और आर्थिक हानि का विचार किया जाता है। 


धूमावती महाविद्या ही ऐसी शक्ति हैं जो व्यक्ति को दीनहीन अवस्था से छुटकारा दिलाती हैं। व्यक्ति सभी कर्जों से मुक्ति पाता है, व्यक्ति पर से काले जादू टोने के प्रभाव से मुक्ति मिलती है तथा धन व ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।


पूजन विधि: घर की पश्चिम दिशा में स्लेटी रंग का वस्त्र बिछाकर देवी धूमवाती का चित्र या यंत्र की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। स्टील के दीपक में सरसों के तेल का दीपक करें, लोहबान से धूप करें, राख या भभूति से तिलक करें, दोरंगे फूल चढ़ाएं व उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं। किसी माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें। 


पूजन मुहूर्त: दिन 11:45 से दिन 12:45 तक।
पूजन मंत्र: ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:॥


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:58 से दिन 12:48 तक।
आज का अमृत काल: प्रातः 07:24 से प्रातः 09:11 तक।
आज का राहु काल: प्रातः 09:15 से प्रातः 10:49 तक।
आज का गुलिक काल: प्रातः 06:08 से प्रातः 07:42 तक। 
आज का यमगंड काल: दिन 13:57 से शाम 15:30 तक।


यात्रा मुहूर्त: दिशाशूल- पूर्व, राहुकाल वास- पूर्व। अतः आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें। पाताल वासिनी भद्रा प्रातः सूर्योदय से प्रातः 10:14 तक रहेगी, इसमे शुभ कार्य वर्जित कहे गए हैं।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
काला।
आज का गुडलक दिशा: पश्चिम।
आज का गुडलक मंत्र: ह्रीं श्रीं ज्येष्टालक्ष्मी स्वयमेव ह्रीं ज्येष्टायै नमः॥
आज का गुडलक टाइम: रात 21:30 से रात 22:30 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: दुर्भाग्य से छुटकारे के लिए देवी धूमवाती पर चढ़े 12 केले चितकबरी गाय को खिलाएं।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: कर्जों से मुक्ति के लिए लौंग लगा नींबू तिजोरी से वारकर देवी धूमवाती पर चढ़ाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: जादू टोने से सुरक्षा हेतु 1 मुट्ठी सतनाजा सिर से उतारकर देवी धूमावती पर चढ़ाएं। 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!