मंगलवार का गुडलक: समाज में अपनी प्रसिद्धि बढ़ाने के लिए करें ये काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 07:30 AM

मंगलवार दि॰ 06.03.18 को रंगपंचमी पर्व मनाया जाएगा। प्राचीनकाल में जब होली का पर्व कई दिनों तक मनाया जाता था तब रंगपंचमी होली का अंतिम दिन होता था और उसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था। चैत्र कृष्ण पंचमी को खेली जाने वाली रंगपंचमी आह्वानात्मक सगुण आराधना...

मंगलवार दि॰ 06.03.18 को रंगपंचमी पर्व मनाया जाएगा। प्राचीनकाल में जब होली का पर्व कई दिनों तक मनाया जाता था तब रंगपंचमी होली का अंतिम दिन होता था और उसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था। चैत्र कृष्ण पंचमी को खेली जाने वाली रंगपंचमी आह्वानात्मक सगुण आराधना का भाग है। ब्रह्मांड के तेजोमय सगुण रंगों का पंचम स्रोत कार्यरत कर देवता के विभिन्ना तत्वों की अनुभूति लेकर उन रंगों की ओर आकृष्ट हुए देवता के तत्व के स्पर्श की अनुभूति लेना, रंगपंचमी का उद्देश्य है। 


रंगपंचमी ब्रह्मांड का एक तेजोत्सव है। आज्ञाचक्र पर गुलाल लगाना, पिंड बीज के शिव को शक्ति तत्व का योग देने का प्रतीक है। पंच तत्वों की सहायता से जीव के भाव अनुसार विभिन्न स्तरों पर ब्रह्मांड में शिव तत्व का कार्यरत स्रोत है। रंगपंचमी शक्ति व शिव तत्व के तारक कार्य का प्रतीक है। आज्ञा चक्र से ग्रहण होने वाला शक्तिरूपी चैतन्य संपूर्ण देह में संक्रमित होता है। इससे वायुमंडल में भ्रमण करने वाली चैतन्य तरंगें ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाती हैं। इस विधि द्वारा जीव चैतन्य के स्तर पर अधिक संस्कार क्षम बनता है। इस दिन वायुमंडल में उड़ाए जाने वाले विभिन्न रंगों के रंग कणों की ओर विभिन्न देवताओं के तत्व को आकर्षित होते हैं। ब्रह्मांड में कार्यरत आपतत्वात्मक कार्य तरंगों के संयोग से होकर जीव को देवता के स्पर्श की अनुभूति देकर देवता के तत्व का लाभ मिलता है। इस दिन शिव व शक्ति के निमित किए गए पूजन व उपाय से मनोविकार दूर होते हैं, शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है व सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। 


पूजन विधि: घर की पूर्व दिशा में लाल वस्त्र पर शिव परिवार का चित्र स्थापित करके पंचोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गुग्गुल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर व लाल चंदन चढ़ाएं, अबीर, व गुलाल चढ़ाएं, गुड़ से बनी रेवड़ियों का भोग लगाएं व एक माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में वितरित करें। 


पूजन मंत्र: ह्रीं हरित्याय नमः शिवाय ह्रीं ॥
पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:30 से दिन 12:30 तक। 


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 12:09 से दिन 12:55 तक।
आज का अमृत काल: रात 11:59 से रात 13:38 तक।
आज का राहु काल: दिन 15:26 से शाम 16:53 तक।
आज का गुलिक काल: दिन 12:32 से दिन 13:59 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 09:38 से प्रातः 11:05 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
लाल।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।
आज का गुडलक मंत्र: भ्रीं भूपाय नमः शिवाय भ्रीं॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 17:56 से रात 18:56 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: मनोविकार दूर करने हेतु शहद मिले दूध में छाया देखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: सामाजिक प्रतिष्ठा हेतु नारियल पर सिंदूर छिड़क कर भगवान शंकर पर चढ़ाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: शारीरिक कष्टों से मुक्ति हेतु मसूर भरा तांबे का कलश शिवलिंग पर चढ़ाएं।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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