मंगलवार का गुडलक- सीता नवमी पर पाएं तीर्थ दर्शन का फल

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 24 Apr, 2018 08:15 AM

मंगलवार दिनांक 24.04.18 को वैसाख शुक्ल नवमी पर सीता नवमी के उपलक्ष्य में सीता जयंती पर्व मनाया जाएगा। पौराणिक मतानुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ भूमि तैयार करने के लिए हल से...

मंगलवार दिनांक 24.04.18 को वैसाख शुक्ल नवमी पर सीता नवमी के उपलक्ष्य में सीता जयंती पर्व मनाया जाएगा। पौराणिक मतानुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ। जोती हुई भूमि तथा हल के नोक को भी 'सीता' कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम 'सीता' रखा गया। राजा जनक ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया, इसी कारण उनका नाम ‘जानकी’ पड़ा। अत: इस पर्व को 'जानकी नवमी' भी कहते हैं। 


देवी सीता मां लक्ष्मी का ही अवतार हैं। देवी सीता की उत्पत्ति भूमि से हुई थी, इस कारण उन्हें वसुंधरा भी कहते हैं। युवा होने पर देवी सीता का विवाह श्रीराम के साथ हुआ। वाल्मीकि रामायण आदि शास्त्रों में देवी सीता के स्वरूप का विस्तार से वर्णन है। ऋग्वेद में एक स्तुति में कहा गया है कि असुरों का नाश करने वाली सीता आप हमारा कल्याण करें। रामचरितमानस में देवी सीता को संसार की उत्पत्ति, पालन व संहार करने वाली लक्ष्मी कहा गया है। देवी सीता शक्ति, इच्छा-शक्ति व ज्ञान-शक्ति तीनों रूपों में प्रकट होती हैं, अतः वे परमात्मा की शक्ति स्वरूपा हैं। मान्यतानुसार इस दिन सीताराम के निमित विधिवत पूजन, व्रत व उपाय से 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है तथा जीवनसाथी को लंबी आयु प्रदान होती है, विवाह से विलंब दूर होता है, सर्व मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।


विशेष पूजन विधि: घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर राम-सीता अथवा राम दरबार का चित्र स्थापित कर विधिवत पंचोपचार पूजन करें। सिंदूर मिले घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें। सिंदूर से तिलक करें। लाल फूल चढ़ाएं, कद्दू के हलवे का भोग लगाएं। किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग पीली आभा लिए गाय को खिलाएं। 


पूजन मुहूर्त: दिन 11:30 से दिन 12:30 तक है। 


पूजन मंत्र: श्रीं सीता-रामाय नमः॥


मुहूर्त: 
गुलिक काल - दिन 01:30 से दिन 03:00 तक।


राहु काल - शाम 03:00 से शाम 04:30 तक। 


अभिजीत मुहूर्त - दिन 11:36 से दिन 12:24 तक।


यमगंड काल - सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक।


काल वेला - दिन 1:30 से दिन 03:00 तक।


अमृत वेला - दिन 12:00 से दिन 01:30 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर: लाल।


आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।


आज का गुडलक मंत्र: ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा॥ 


आज का गुडलक टाइम: शाम 05:15 से शाम 06:15 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: सर्व मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सीता-राम पर चढ़े 12 गोल फल बच्चों में बांटें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए देवी सीता पर चढ़े 7 केले गाय को खिलाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: विवाह से विलंब दूर करने के लिए सीताराम के मंदिर में सुगंधित घी के 7 दीपक करें।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!