बुधवार का गुडलक: शुभ मुहूर्त में करें अक्षय तृतीया का पूजन, पैसे की कमी होगी दूर

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 18 Apr, 2018 07:29 AM

बुधवार दिनांक 18.04.18 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैदिक पंचांग के मुहूर्त प्रणाली में अंकित चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक माना गया है।

बुधवार दिनांक 18.04.18 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैदिक पंचांग के मुहूर्त प्रणाली में अंकित चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक माना गया है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो अर्थात जो कभी नष्ट न हो। धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने अनेक अवतार लिए हैं, जिसमें नर-नारायण, हयग्रीव परशुराम के तीन पवित्र अवतार अक्षय तृतीया को उदय हुए थे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन को 'सर्वसिद्धि मुहूर्त' भी कहा गया है क्योंकि इस दिन शुभ काम के लिये पंचांग देखने की ज़रूरत नहीं होती। 


शास्त्रनुसार इसी दिन से सतयुग और कल्पभेद से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। जिस कारण इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। वैशाख में सूर्य के तेज से हर जीवधारी क्षुधा पिपासा से व्याकुल हो उठता है। अतः इस तिथि में शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही व पेय पदार्थों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी माना गया है। इस दिन गंगा-जमुनादि तीर्थों में स्नान व शिव-पार्वती व नर नारायण की पूजा का विधान है।


भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार अक्षय तृतीया परम पुण्यमयी तिथि है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है। अक्षय तृतीया स्वयं में महा मुहूर्त है इस दिन कीमती धातु और कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन खरीदे गए कपड़े, आभूषण, ज़मीन और वाहन दीर्धकालीन लाभ देते हैं। यह दिन न केवल विवाह आदि के लिए अबूझ मुहूर्त है परंतु इस दिन लक्ष्मी-नारायण के निमित किए गए व्रत, पूजन व उपाय से दरिद्रता दूर होती है, पारिवारिक समृद्धि आती है तथा पैसे की कमी दूर होती है। 


पूजन विधि: घर के ईशान कोण में लाल कपड़ा बिछाकर, भगवान लक्ष्मी-नारायण के चित्र की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिये में गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, गोलोचन से तिलक करें, अक्षत, रोली, सिंदूर, इतर, अबीर गुलाल आदि 16 चीजों से षोडशोपचार पूजन करें। चावल की खीर का भोग लगाएं। किसी माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें। 


पूजन मुहूर्त: प्रातः 08:15 से प्रातः 09:15 तक।
पूजन मंत्र: ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः॥


शुभ मुहूर्त:
गुलिक काल -
सुबह 10:30 से दिन 12:00 तक। 

अभिजीत मुहूर्त: बुधवार के कारण नहीं है।

राहु काल - दिन 12:00 से दिन 01:30 तक।
 
यमगंड काल - सुबह 07:30 से सुबह 09:00 तक।

अमृत वेला – शाम 16:30 से शाम 18:00 तक।

काल वेला - सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास दक्षिण-पश्चिम में है। अतः उत्तर व दक्षिण-पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान

आज का गुडलक कलर: हरा।

आज का गुडलक दिशा: पूर्व।

आज का गुडलक मंत्र: ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः॥

आज का गुडलक टाइम: रात 20:45 से रात 21:45 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: पैसे की कमी दूर करने के लिए लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ा 5 रूपये का सिक्का पर्स में रखें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक समृद्धि के लिए लक्ष्मी-नारायण पर चढ़े मूंग किचन में स्थापित करें।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: दरिद्रता से मुक्ति के लिए लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ी 12 पीली कौड़ी तिजोरी में स्थापित करें। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 

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