सच्चे गौसेवक विरक्त शिरोमणि स्वामी अनंत प्रकाश जी निर्वाण उत्सव 8 से 10 अक्टूबर तक

Edited By Lata,Updated: 08 Oct, 2019 09:38 AM

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भारत भूमि पर युगों-युगांतरों से जहां समय-समय पर सुदुर्लभ वीतराग जीवन मुक्त महात्माओं का अवतरण होता आया है।

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भारत भूमि पर युगों-युगांतरों से जहां समय-समय पर सुदुर्लभ वीतराग जीवन मुक्त महात्माओं का अवतरण होता आया है। इन महापुरुषों ने ज्योति स्तम्भ बनकर लोगों का मार्गदर्शन किया। ऐसे महापुरुषों में विरक्त शिरोमणि स्वामी अनंत प्रकाश जी महाराज का पावन नाम बड़े आदर से लिया जाता है।
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स्वामी जी का जन्म संवत 1926 में कलूर (पाकिस्तान) पिता श्री गंगा राम जी व माता श्रीमती सतभराई जी के गृह में हुआ। स्वामी जी का शुभ नाम माता-पिता ने वधावा राम जी रखा। पूर्व जन्म के पुण्य संस्कारों के परिणाम स्वरूप स्वामी अनंत प्रकाश जी उदासीन संप्रदाय के महान प्रचारक अवधूत संत रेणु जी के संपर्क में आए। उनके सान्निध्य में रहकर स्वामी जी ने विभिन्न ग्रंथों का अध्ययन किया। तत्पश्चात स्वामी जी ने सांसारिक मोह ममता को त्याग कर वैराग्यमय जीवन जीना शुरू किया। स्वामी अनन्त प्रकाश जी ने श्री गुरु महाराज जी की कृपा से गौ सेवा शुरू की। उन्होंने गौ हत्या के विरुद्ध संघर्ष भी किया। उन्होंने कई स्थानों पर गौशालाएं बनवाईं। इसके अलावा स्वामी जी ने कई धर्म स्थानों व शिक्षा संस्थानों का भी निर्माण करवाया। स्वामी जी की प्रेरणा से कई लोगों ने गौवध बंद किया।

स्वामी अनंत प्रकाश जी के आदेशों और आदर्शों को लोगों ने जीवन का आधार बनाना शुरू किया। स्वामी जी ने कलूर में श्री प्रेम मंदिर की स्थापना की। इस मंदिर में स्वामी जी ने धर्मग्रंथों के प्रचार के लिए सत्संग की परम्परा शुरू की। स्वामी जी ने श्री अनंत अनुभव हुलास, ईश्वर प्रार्थना सहित कई ग्रंथों की रचना की। उनमें लोगों को शास्त्र संवत जीवन जीने की प्रेरणा दी। इसी प्रकार धर्म प्रचार करते हुए स्वामी अनंत प्रकाश जी सम्वत 1977 में ब्रह्मलीन हो गए। उनकी पुण्यस्मृति में श्री प्रेम मंदिर कलूर में विशाल समारोह अवधूत सालिग्राम जी, स्वामी ब्रह्मप्रकाश जी व सतगुरु जीवनमुक्त जी महाराज की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया जिसमें श्री हरमिलाप मिशन के 10वें गुरु सतगुरु श्री परसराम साहिब जी, सतगुरु श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज सहित कई संत महात्मा शामिल हुए। 
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देश विभाजन के बाद स्वामी अनंत प्रकाश जी महाराज की याद में अम्बाला शहर में श्री अनंत प्रेम मंदिर की स्थापना की गई। मंदिर की संस्थापिका सतगुरु श्री जीवन मुक्त जी महाराज ने स्वामी अनंत प्रकाश जी महाराज की पुण्य स्मृति में यज्ञोत्सव की परम्परा शुरू की। इस यज्ञोत्सव में हिंद समाचार पत्र समूह के संस्थापक पूज्य लाला जगतनारायण जी 1978 से 1980 तक पधारते रहे। इस बार यह यज्ञोत्सव 8 से 10 अक्तूबर तक सत्गुरु गीता देवी जी की अध्यक्षता में मनाया जाएगा।

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