सुप्रीम कोर्ट में अमावस्या को होगा चंद्रमा के नक्षत्र में बनी महाराष्ट्र सरकार पर फैसला

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Nov, 2019 08:56 AM

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महाराष्ट्र में चल रहे सियासत के महा ड्रामे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह हुई सुनवाई और फैसला मंगलवार सुबह तक सुरक्षित रखे जाने के बाद अब सबकी नजरें एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को आने वाले फैसले पर लग गई हैं।

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क्या चन्द्रमा की चंचल चाल में फंस जाएगी सरकार ?

जालंधर (नरेश): महाराष्ट्र में चल रहे सियासत के महा ड्रामे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह हुई सुनवाई और फैसला मंगलवार सुबह तक सुरक्षित रखे जाने के बाद अब सबकी नजरें एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को आने वाले फैसले पर लग गई हैं।  एक तरफ  जहां राजनीतिक दल और सियासत के जानकार पूरे मामले का अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं, वही ज्योतिषी भी पूरे मामले को सितारों की चाल के लिहाज से देख रहे हैं। सरकार का गठन शनिवार सुबह चन्द्रमा के हस्ता नक्षत्र में हुआ है, लिहाजा पूरे मामले में चन्द्रमा की चाल ही सरकार का भविष्य तय करेगी।

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अमावस्या पर फैसला भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन सुनवाई की है उस दिन चतुर्दशी तिथि है और रात 10.40 बजे अमावस्या शुरू हो जाएगी। अमावस्या मंगलवार रात करीब 8.35 बजे तक चलेगी यानी कोर्ट का फैसला अमावस्या के दिन आ रहा है और यदि कोर्ट ने मंगलवार के दिन ही सदन में फ्लोर टैस्ट का आदेश दे दिया तो भाजपा के लिए यह शुभ संकेत नहीं होगा क्योंकि सरकार का गठन 23 नवम्बर को सुबह 8.05 बजे चन्द्रमा के ही हस्ता नक्षत्र में हुआ है और ज्योतिष में चन्द्रमा चंचलता का कारक है और इसी चंचलता के चलते महाराष्ट्र में सियासी हालात पल-पल बदल रहे हैं और यह चन्द्रमा सूर्य के साथ मिल कर न सिर्फ  वृश्चिक राशि में नीच स्थिति में आ जाएगा बल्कि अस्त भी होगा और इसकी शक्ति पूर्णत क्षीण हो जाएगी। चन्द्रमा की ऐसी स्थिति सरकार के लिहाज से ठीक नहीं है। -अंकुश कक्कड़, लुधियाना

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भाजपा की कुंडली में गोचर शुभ, महादशा अशुभ
इस पूरे मामले को यदि भारतीय जनता पार्टी की कुंडली के लिहाज से देखा जाए तो मिला-जुला परिणाम देखने को मिल रहा है। जिस दिन सरकार का गठन हुआ था उस दिन चन्द्रमा कन्या राशि में था और मंगलवार को जिस समय सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा उस समय चन्द्रमा अपनी नीच राशि वृश्चिक में होगा, नीच राशि में होने के बावजूद शपथ ग्रहण के समय की कुंडली से चन्द्रमा का गोचर तीसरे भाव से हो रहा होगा और चन्द्रमा का तीसरा गोचर शुभ है, क्योंकि इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा भी दाव पर है। लिहाजा इसे भाजपा की कुंडली के लिहाज से भी देखना जरूरी है। भाजपा का गठन 6 अप्रैल, 1980 को सुबह करीब 11.40 बजे दिल्ली में हुआ है और भाजपा की कुंडली मिथुन लग्न की है और चन्द्रमा वृश्चिक राशि में छठे भाव में है। चन्द्रमा का भाजपा की कुंडली में स्थित चन्द्रमा के ऊपर से ही गोचर करना भी शुभ है लेकिन भाजपा की कुंडली के लिहाज से बड़ी समस्या कुंडली में चल रही चन्द्रमा की महादशा में राहु की अंतर्दशा का आ जाना है और यह अंतर्दशा 6 अक्तूबर को शुरू हुई है और अप्रैल 2021 तक चलेगी इसमें भी चन्द्रमा में राहु का अंतर और प्रत्यन्तर भी राहु का ही चल रहा है। जिस दौरान यह फैसला आना है उस दौरान सूक्ष्म दशा में केतु होगा। ज्योतिष में केतु को चन्द्रमा के ग्रहण का कारण माना गया है। लिहाजा इस पूरे मामले में भाजपा की फजीहत का कारण भी केतु बन सकता है। -भारती गुप्ता, लुधियाना

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प्रश्न कुंडली में भाजपा के लिए मुश्किल
पूरे मामले को यदि प्रश्न कुंडली के लिहाज से समझा जाए तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जिस समय (सोमवार दोपहर 2.10 बजे) यह सवाल किया गया है उस समय मीन लग्न उदित हो रहा है और चन्द्रमा प्रश्न कुंडली में 8वें भाव में चला गया है। यह शुभ स्थिति नहीं है और पूरे मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में नुक्सान हो सकता है क्योंकि सरकार का गठन भी चन्द्रमा के नक्षत्र में हुआ है लिहाजा चन्द्रमा की मजबूती सरकार की मजबूती के लिए जरूरी है। -बहादुर सिंह देवगन

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