उज्जैन: गुप्त नवरात्रि शुरू, नौ दिनों तक होगी माता की आराधना

Edited By Jyoti,Updated: 30 Jun, 2022 04:13 PM

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उज्जैन: त्रिपुष्कर समेत कई शुभ संयोगों में शक्ति की साधना का पर्व गुप्त नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर देवी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इस दौरान उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि की तैयारियां पूरी तरह से हो चुकी है।

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उज्जैन: त्रिपुष्कर समेत कई शुभ संयोगों में शक्ति की साधना का पर्व गुप्त नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर देवी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इस दौरान उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि की तैयारियां पूरी तरह से हो चुकी है। नवरात्रि के शुभ उपलक्ष्य पर यहां साधक विशेष आराधना करेंगे। बता दें साल में चार नवरात्र होते हैं। इनमें चैत्र और आश्विन महीने में प्रकट नवरात्रि होती है। वहीं, माघ और आषाढ़ महीने में आने वाली नवरात्र को गुप्त माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकम गुरूवार 30 जून से गुप्त नवरात्र का शुभारंभ हुआ है, जिसका समापन महानंदा शुक्रवार आठ जुलाई को होगा।
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हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्र में की जाने वाली पूजा से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। गुप्त नवरात्र में देवी के नौ स्‍वरूपों और दस महाविद्याओं का पूजन-अनुष्‍ठान किया जाता है। साधक गुप्‍त नवरात्र में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इसमें साधक अपनी साधना को गोपनीय रखता है। माना जाता है कि साधना और मनोकामना को जितना गोपनीय रखा जाए, सफलता उतनी अधिक मिलती है।

नवरात्रि साल में चार बार आती है। जिनमें से दो मुख्य नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि हैं। इस बार आषाढ़ में दूसरी गुप्त नवरात्रि मनाई जा रही है। आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होगी। इस दौरान नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा के उपासकों के लिए खास होती है। देवी दुर्गा और उनके अवतारों की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। इसलिए नाम गुप्त नवरात्रि। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू हो रही है। आने वाले दिन देवी और उनकी आत्मा को समर्पित होंगे और शक्ति और ज्ञान के लिए आशीर्वाद मांगेंगे। यहां जानिये इससे जुड़ी सारी बातें।
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गुप्त नवरात्रि की तिथि
गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई को समाप्त होगी। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाएगी। यह प्रतिपदा (पहले दिन) से आषाढ़ में शुक्ल पक्ष की नवमी (नौवें दिन) तक मनाया जाता है। यह हिंदुओं द्वारा अत्यंत भक्ति और उत्साह के साथ मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक है। इस दौरान सात्विक भोजन करना और शक्ति और ज्ञान के लिए देवी से प्रार्थना करना महत्वपूर्ण है।
 

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9 दिवसीय उपवास 
कुछ भक्त 9 दिवसीय आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान भी उपवास रखते हैं। हालांकि यह दो मुख्य नवरात्रों जितना महत्वपूर्ण नहीं है। भक्त दिन में एक बार सात्विक भोजन करेंगे। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि अवधि के दौरान, हिंदू भक्त देवी दुर्गा को समर्पित मंत्रों का जाप करते हैं।

माता को लगाएं यह भोग
नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाएगी। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन सफेद चीजें और गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। इस दिन मां के चरणों में गाय का घी चढ़ाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
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माता की आराधना 
नवरात्रि के पवित्र दिनों में, देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ये हैं- मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्री, महागौरी और सिद्धिदात्री। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन भक्त देवी पार्वती के एक अवतार शैलपुत्री की पूजा करते हैं।

गुप्त नवरात्रि कार्यक्रम इस प्रकार है:
दिन 1: प्रतिपदा: शैलपुत्री पूजा
दिन 2: द्वितीया: ब्रह्मचारिणी पूजा
दिन 3: तृतीया: चंद्रघंटा पूजा
दिन 4: चतुर्थी: कुष्मांडा पूजा
दिन 5: पंचमी: स्कंदमाता पूजा
दिन 6: षष्ठी: कात्यायनी पूजा
दिन 7: सप्तमी: कालरात्रि पूजा
दिन 8: अन्नपूर्णा अष्टमी: महागौरी पूजा
दिन 9: नवमी: सिद्धिदात्री पूजा

 

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