गुप्त नवरात्र: विद्यार्थियों के लिए खास मंत्र, परीक्षा में दिलाएगा अच्छे Marks

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 11:41 AM

gupta navratri a special mantra for students

स्कूल-कालेज की परिक्षाओं का आरंभ होने वाला है। छात्र जी जान से मेहनत में जुट गए हैं ताकि अच्छे अंक हासिल करके वह मनचाहे फील्ड में सफलता के मुकाम हासिल कर सकें। इस बीच गुप्त नवरात्र का आगमन किसी

स्कूल-कालेज की परिक्षाओं का आरंभ होने वाला है। छात्र जी जान से मेहनत में जुट गए हैं ताकि अच्छे अंक हासिल करके वह मनचाहे फील्ड में सफलता के मुकाम हासिल कर सकें। इस बीच गुप्त नवरात्र का आगमन किसी वरदान से कम नहीं है, इन दिनों की गई देवी अराधना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होती है। छात्रों के लिए परिक्षाओं का आना शुभ संयोग है, बोर्ड परीक्षाओं से पहले नवदुर्गा पूजन समस्त मनोरथ पूर्ण करने वाला है। परीक्षा देने जाने से पहले और गुप्त नवरात्र के नौ दिन तक करें मां दुर्गा की पूजा के बाद इस खास मंत्र का जाप-


विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।।


मां को मौसमी और संतरे का भोग अर्पित करें तत्पश्चात आरती करें। मां को प्रणाम करें मौसमी अथवा संतरे का प्रसाद खाकर परीक्षा देने जाएं।


जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी ।| जय अम्बे गौरी॥

मांग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को |मैया टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको|| जय अम्बे गौरी॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे| मैया रक्ताम्बर साजे
रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे|| जय अम्बे गौरी॥

केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी| मैया खड्ग कृपाण धारी
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी|| जय अम्बे गौरी॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती| मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति|| जय अम्बे गौरी॥

शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर घाती| मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती|| जय अम्बे गौरी॥

चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे| मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे|| जय अम्बे गौरी॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी| मैया तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी|| जय अम्बे गौरी॥

चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों| मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू|| जय अम्बे गौरी॥

तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता| मैया तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता|| जय अम्बे गौरी॥

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी| मैया वर मुद्रा धारी
मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी|| जय अम्बे गौरी॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती| मैया अगर कपूर बाती
माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती|| बोलो जय अम्बे गौरी॥

मां अम्बे की आरती जो कोई नर गावे| मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे|| जय अम्बे गौरी॥


देवी वन्दना: या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता| नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:||

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