आज से गुरु उदय, घटेगा तनाव

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jan, 2020 07:55 AM

guru uday from today stress will reduce

15 दिसम्बर, 2019 से देव गुरु बृहस्पति धनु राशि में अस्त थे। आज 10 जनवरी, 2020 को वे पुन: उदय होंगे। धनु राशि में गुरु के साथ-साथ शनि, सूर्य, बुध व केतू का गोचर भी होगा। अब गुरु की परिस्थिति में जबरदस्त सकारात्मक बदलाव आएगा।

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15 दिसम्बर, 2019 से देव गुरु बृहस्पति धनु राशि में अस्त थे। आज 10 जनवरी, 2020 को वे पुन: उदय होंगे। धनु राशि में गुरु के साथ-साथ शनि, सूर्य, बुध व केतू का गोचर भी होगा। अब गुरु की परिस्थिति में जबरदस्त सकारात्मक बदलाव आएगा। भारत की अर्थव्यवस्था से लेकर लोगों के निजी जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि का समावेश होगा। 13 जनवरी को बुध भी धनु को छोड़ कर मकर राशि में चले जाएंगे। फिर 14 जनवरी को सूर्य भी इस राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 24 जनवरी को शनि भी धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और धनु राशि में केवल गुरु व केतू का स्वामित्व रहेगा। धनु राशि गुरु की अपनी मूल त्रिकोण राशि है और  अब गुरु अधिक दृढ़ता से काम करेंगे। आइए जानें, पंजाब केसरी के वैदिक एस्ट्रोलजर नरेश गुप्ता जी से क्या रहेगा 12 राशियों पर प्रभाव-

मेष राशि के लिए 9वें भाव से गुरु का गोचर शुभ है। इस भाव में विराजमान गुरु राशि पर दृष्टिगत होकर न सिर्फ स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को दूर करेंगे बल्कि यहां से तीसरे भाव पर गुरु की दृष्टि भाई-बहनों के साथ सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ पराक्रम में वृद्धि करने वाली भी होगी। इसके साथ ही गुरु की 5वें भाव पर दृष्टि उन विवाहित जोड़ों के लिए अच्छी है जो संतान सुख से वंचित थे। 

वृष राशि वालों के लिए गुरु का 8वें भाव से गोचर स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ नहीं माना जा रहा। यदि ऐसे जातकों को पहले से कोई बीमारी है तो यह बीमारी लंबी खिंच सकती है। लिहाजा वृष राशि के जातक स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें और लापरवाही न करें। गुरु की दृष्टि 12वें भाव पर पड़ेगी, खर्चे अच्छे कार्यों पर बढ़ेंगे। गुरु की 7वीं दृष्टि दूसरे भाव पर पड़ेगी जो धन भाव कहलाता है। इससे धन लाभ होने के आसार हैं। 

मिथुन राशि के जातकों के लिए 7वें भाव से गुरु का गोचर शादी के लिहाज से शुभ है और यदि किसी की शादी अटकी हुई है तो शादी की बात पुन: बन सकती है। 7वां भाव पार्टनरशिप का भी भाव है। लिहाजा इस दौरान कारोबारी पार्टनरशिप करने के अच्छे मौके मिल सकते हैं। आय भाव पर गुरु की दृष्टि से नौकरीपेशा लोगों को तरक्की मिलने के आसार हैं। यह इस राशि के जातकों को बड़े फैसले लेने में सक्षम बनाएगी।

गुरु राशि में छठे भाव में गोचर करते वक्त 10वें भाव पर दृष्टि डालेंगे। लिहाजा जिन लोगों को नौकरी का इंतजार है उन्हें नौकरी मिल सकती है, लेकिन कर्क राशि के जातकों को अपने पिता की सेहत के लिहाज से सतर्क रहना होगा। छठे भाव में गुरु के आने से प्रापर्टी अथवा अन्य निवेश योजनाओं में निवेश करने से पैसा फंस सकता है और धन हानि हो सकती है।

सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का 5वें भाव से गोचर भाग्य उदय करने वाला होगा। यहां विराजमान गुरु की दृष्टि राशि पर पड़ेगी और राशि पर गुरु की दृष्टि से सिंह राशि के जातकों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। जो विवाहित जोड़े संतान की योजना बना रहे थे उनके लिए समय शुभ है। इसके अलावा इस भाव में स्थित गुरु 7वीं दृष्टि से आय भाव को देखेंगे। 11वें भाव पर गुरु की दृष्टि से सिंह राशि के जातकों की आय बढ़ेगी। 

कन्या राशि के जातक यदि मकान, वाहन अथवा कोई अन्य सुख के साधन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो उनकी यह योजना गुरु के प्रभाव से फलीभूत नहीं हो पाएगी क्योंकि कन्या राशि के लिए न सिर्फ गुरु चौथे भाव का स्वामित्व रखते हैं बल्कि सुख के मकान और वाहन जैसे कारकों के कारक ग्रह भी हैं। रिसर्च से जुड़े स्टूडैंट्स के लिए यह गोचर फायदेमंद हो सकता है 

तुला राशि के जातकों के लिए तीसरे भाव से गुरु का गोचर शुभ नहीं है। इस राशि के जातकों को भाइयों के साथ वाद-विवाद से बचना होगा। आप जीवन संबंधी फैसले लेने में असमंजस की स्थिति से गुजर सकते हैं। साथ ही गुरु के इस गोचर के दौरान आप व्यर्थ के वाद-विवाद में भी फंस सकते हैं, लिहाजा कार्यस्थल पर विवाद से बचने की कोशिश करें।

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर शुभ है। गुरु इस राशि के लिए दूसरे और 5वें भाव के स्वामी हो जाते हैं। लिहाजा धन भाव में गुरु के आने से आपको आर्थिक तौर पर फायदा होगा। गुरु दूसरे और 5वें भाव के कारक भी हैं, लिहाजा इन दोनों भावों से संबंधित फल मिलेंगे। जो लोग उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए यह गोचर शुभ है। 

धनु राशि के जातकों के लिए चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर शुभ नहीं है। हालांकि 5वें, 7वें और 9वें भाव पर गुरु की दृष्टि के चलते इन भावों से संबंधित फल मिल सकते हैं लेकिन ऐसा तभी होगा, यदि जातकों की कुंडली में अष्टक वर्ग में गुरु के अच्छे अंक होंगे और साथ ही जातकों की महादशा भी अच्छी चल रही होगी। इसके अलावा धार्मिक यात्रा के भी योग हैं। 

मकर राशि के लिए गुरु का 12वें भाव से गोचर खर्चे बढ़ाने वाला होगा। इस भाव में विराजमान गुरु की दृष्टि 6वें व 8वें भाव में भी पड़ेगी लिहाजा दुर्घटना और लम्बी बीमारी का योग भी है। इस राशि के जातकों को अपने खान-पान का खास ध्यान रखना होगा। अदालत संबंधी मामलों में मकर राशि के जातकों को निराशा हाथ लग सकती है। 

कुंभ राशि के जातकों के लिए 11वें भाव से गुरु का गोचर शुभ है। गुरु इस राशि में धन और लाभ भाव के स्वामी हो जाते हैं, लिहाजा वित्त से जुड़े मामलों में गुरु अच्छे फल देंगे। इसके साथ ही बड़े भाई के साथ संबंध सुधरेंगे और कुटुम्भ में भी बिगड़े संबंधों में सुधार के योग हैं। मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा और आप अपनी वाणी से अपने करीबियों को प्रभावित करेंगे। 

मीन राशि के लिए 10वें भाव में गुरु का गोचर शुभ नहीं है। इस राशि में गुरु दोनों केंद्रों के स्वामी हो जाते हैं लेकिन इसके बावजूद 10वें भाव का गोचर शुभ नहीं माना गया। इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है क्योंकि राशि का स्वामी गुरु शनि व केतू के साथ आ जाएगा, लिहाजा स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।

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