Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Apr, 2019 04:33 PM
आज चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जा रहा है। शास्त्रों में महावीर को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार कहा गया है। सिताराम की कृपा से आज भी बजरंगबली धरती पर विचरण करते हैं और
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आज चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जा रहा है। शास्त्रों में महावीर को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार कहा गया है। सिताराम की कृपा से आज भी बजरंगबली धरती पर विचरण करते हैं और जहां भी राम कथा होती है, वहां वो किसी न किसी रुप में पहुंच जाते हैं। आज हनुमान जयंती के मौके पर बहुत ही दुर्लभ संयोग चित्रा नक्षत्र, हर्षण योग और राज योग पड़ रहे हैं। जो जातक राम भक्त की पूजा करेगा उसे अन्य दिनों की अपेक्षा दो गुणा अधिक फल प्राप्त होगा। हनुमान जी की पूजा करते वक्त कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, तभी मिलेगा महावीर का आशीर्वाद-
जिस कुल में सूतक या पातक चल रहा हो, उस घर के किसी भी सदस्य को केसरी नंदन की पूजा नहीं करनी चाहिए।
स्नान करने के बाद ही पवन पुत्र की पूजा करनी चाहिए। अशुद्ध अवस्था में पूजा न करें।
मासिक धर्म के दौरान पूजा न करें।
झूठे मुंह से पूजा न करें।
हनुमान जी की पूजा-अर्चना और व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
पूजा में चरणामृत का उपयोग न करें। शास्त्रों में इसका विधान नहीं है।
दीपक और प्रसाद में शुद्ध घी का ही प्रयोग करें।
हनुमान जी की प्रतिमा पर तेल एवं सिंदूर चढ़ाया जाता है। उन्हें फूल भी पुरुषवाचक जैसे गुलाब, गेंदा आदि चढ़ाना चाहिए।
सुंदरकांड या रामायण के पाठ से वे प्रसन्न होते हैं। प्रसाद के रूप में चना, गुड़, केला, अमरूद या लड्डू चढ़ाया जाता है।
हनुमान जी को लाल फूल प्रिय हैं। अत: पूजा में लाल फूल ही चढ़ाएं।
मूर्त को जल व पंचामृत से स्नान कराने के बाद सिंदूर में तेल मिलाकर उनको लगाना चाहिए।
साधना हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही शुरू करनी चाहिए।