Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Apr, 2020 08:25 AM
शास्त्रानुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को एकादश रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म पुर्णिमा तिथि और हस्त नक्षत्र के संयोग में हुआ था। ज्योतिषशास्त्र के
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शास्त्रानुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को एकादश रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म पुर्णिमा तिथि और हस्त नक्षत्र के संयोग में हुआ था। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य, शनि व राहु के दोषों के निवारण हेतु हनुमान आराधना विशेष मानी जाती है। चैत्र मास की पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र मिलने पर हनुमान जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ जाता है। इस दिन विशेष रूप से की गई हनुमान साधना रोग, शोक व दुखों को मिटाकर विशिष्ट फल देती है।
हनुमान जयंती पर करें राशिनुसार चमत्कारिक उपाय और जगाएं अपना भाग्य
मेष राशि: एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी पर बूंदी चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृष राशि: रामचरितमानस के सुंदर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मीठा रोट चढ़ाकर बंदरों को खिलाएं।
मिथुन राशि: रामचरितमानस के अरण्य-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर पान चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
कर्क राशि: पंचमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमानजी पर पीले फूल चढ़ाकर जलप्रवाह करें।
सिंह राशि: रामचरितमानस के बाल-काण्ड पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ की रोटी चढ़ाकर भिखारी को खिलाएं।
कन्या राशि: रामचरितमानस के लंका-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान मंदिर में शुद्ध घी के 6 दीपक जलाएं।
तुला राशि: रामचरितमानस के बाल-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर खीर चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें।
वृश्चिक राशि: हनुमान अष्टक का पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ वाले चावल चढ़ाकर गाय को खिलाएं।
धनु राशि: रामचरितमानस के अयोध्या-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर शहद चढ़ाकर खुद प्रसाद रूप में खाएं।
मकर राशि: रामचरितमानस के किष्किन्धा-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मसूर चढ़ाकर मछलियों को डालें।
कुंभ राशि: रामचरितमानस के उत्तर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमानजी पर मीठी रोटियां चढ़ाकर भैसों को खिलाएं।
मीन राशि: हनुमंत बाहुक का पाठ करें तथा हनुमानजी के मंदिर में लाल रंग की ध्वजा या पताका चढ़ाएं।