Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Mar, 2019 11:36 AM
विवाह मानव जीवन का एक पड़ाव है जिसके बाद इंसान अपनी पूर्व की जीवनशैली को छोड़कर एक नए जीवन के सफर पर चलता है पर आज विवाह का मतलब ही बदल गया है। आए दिन हम तलाक, अलगाव, दूसरा विवाह, झगड़ा देखते हैं। हमारे देश में 80 प्रतिशत शादियां सिर्फ गुण मिलान के...
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विवाह मानव जीवन का एक पड़ाव है जिसके बाद इंसान अपनी पूर्व की जीवनशैली को छोड़कर एक नए जीवन के सफर पर चलता है पर आज विवाह का मतलब ही बदल गया है। आए दिन हम तलाक, अलगाव, दूसरा विवाह, झगड़ा देखते हैं। हमारे देश में 80 प्रतिशत शादियां सिर्फ गुण मिलान के आधार पर कर दी जाती हैं जोकि किसी भी गली-मोहल्ले में किसी मंदिर में बैठे पुजारी से मिलवा लिए जाते हैं क्योंकि प्राय: सभी मंदिरों में पुजारी के पास पंचांग होता है और सभी पंचांगों में गुण मिलान की सारिणी होती है, मात्र वह सारिणी देख कर जोकि एक आम आदमी भी देख सकता है पुजारी जी कह देते हैं कि लड़के-लड़की के 28 गुण मिल रहे हैं कोई दोष नहीं हैं आप विवाह कर सकते हैं और मात्र इतने से गुण मिलान मानकर किसी के भाग्य का निर्णय हो जाता है और विवाह हो जाता है। बाद में परिणाम चाहे जो हों।
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एक सफल विवाह के लिए गुण मिलान भी अत्यंत आवश्यक है किन्तु इसके साथ ही यह भी कहना है कि सिर्फ गुण मिलान ही काफी नहीं है बल्कि पूर्ण कुंडली मिलान उससे भी ज्यादा आवश्यक है। प्राय: एक दिन या चौबीस घंटों में एक ही नक्षत्र होता है। मात्र एक या दो घंटे ही चौबीस घंटों में दूसरा नक्षत्र होता है और गुण मिलान सिर्फ किस नक्षत्र के किस चरण में जातक का जन्म हुआ है उसके आधार पर होता है किन्तु उन चौबीस घंटों में बारह लग्नों की बारह लग्न कुंडलियां बनती हैं।
कहने का तात्पर्य यह है कि उन चौबीस घंटों में जन्मे सभी जातकों के जन्म नक्षत्र और जन्म राशि तो समान होंगी किन्तु उन सभी की कुंडलियां अलग-अलग होंगी। किसी के लिए गुरु, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, कारक ग्रह होंगे तो किसी के लिए शुक्र, शनि या बुध कोई मांगलिक नहीं होगा। किसी की कुंडली में राजयोग तो किसी की कुंडली में दरिद्र योग होगा। कोई अल्पायु होगा कोई बीच की आयु का होगा तो कोई दीर्घायु, तो किसी कुंडली में उसका वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा होगा तो किसी की कुंडली में बहुत खराब होगा। किसी के द्वि-विवाह, त्रि-विवाह योग होता है तो कोई अविवाहित रहता है अर्थात उन चौबीस घंटों में जन्मे सभी जातकों का जन्म नक्षत्र तो एक ही होगा किन्तु सभी की कुंडलियां और उनका भाग्य अलग-अलग होता है। यदि किन्हीं दो लड़के-लड़की के गुण मिलाएंगे और उनके गुण मिल भी गए किन्तु उनकी कुंडलियों में कोई दोष है तो वह विवाह कतई सफल नहीं हो सकता।
कुछ लोगों के गुण तो 28-28, 30-30 मिल जाते हैं किन्तु उनका वैवाहिक जीवन अत्यंत कष्टप्रद है। उनके तलाक के मुकद्दमे चल रहे हैं या तलाक हो चुके हैं या उनका जीवन ही खत्म हो चुका है और सैंकड़ों ऐसी कुंडलियां देखी गई हैं जिनके मात्र 8-8, 10-10 गुण ही मिलते हैं किन्तु फिर भी उनका पारिवारिक वैवाहिक जीवन सुखद रहा है, चल रहा है।
मात्र गुण मिलान पर ही पूर्ण भरोसा नहीं करें किसी योग्य ज्योतिषी से बालक-बालिका की कुंडलियां मिलवाकर ही उसके विवाह का निर्णय लें क्योंकि गुण मिलान से ज्यादा आवश्यक है कुंडलियों का मिलान और दोनों की कुंडलियों में उनके वैवाहिक जीवन की स्थिति।
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