Happy Mother's Day 2021- मां तेरी ममता के आगे फीका सा लगता है भगवान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 May, 2021 12:13 AM

happy mothers day

मां शब्द को न तो परिभाषित किया जा सकता है और न ही इसकी गहराई को मापा जा सकता है। यह तो वह शब्द है जिसे केवल महसूस किया जा सकता है। मां वह शख्सियत है, जो एक नई जान को

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Happy Mother's Day 2021- मां शब्द को न तो परिभाषित किया जा सकता है और न ही इसकी गहराई को मापा जा सकता है। यह तो वह शब्द है जिसे केवल महसूस किया जा सकता है। मां वह शख्सियत है, जो एक नई जान को इस दुनिया में लाती और उसे जीवन के तौर-तरीकों से अवगत करवाती है। प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग का कहना मां पर बिलकुल सटीक बैठता है कि ‘भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां बनाई।’

इसमें कोई दो राय हो ही नहीं सकती कि संतान चाहे जैसी भी हो, पर समय आने पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए केवल मां ही आगे आती है। यूं भी कहा जा सकता है कि मां ही इस दुनिया में ऐसा रिश्ता है जो नि:स्वार्थ है। वह अपना सब कुछ देने के बाद बदले में कुछ आशा नहीं रखती।

बच्चों की खुशी में ही मां की खुशी
सोते-जागते, उठते-बैठते वह तो हमेशा अपने बच्चों की खुशी ही मांगती है। आप जितने भी बड़े हो जाएं पर मां के लिए आप हमेशा बच्चे ही रहते हैं। उसकी डांट से भले ही आप बचपन में नाराज हुए हों पर उससे दूर होकर जब आपको मां की डांट के वे पल याद आते हैं तो सहसा ही आंखों में पानी आ जाता है।

अपने बच्चे के खाने-पीने की फिक्र केवल एक मां को ही होती है और इसका अंदाजा आपको तब लगता है जब आप उससे कोसों दूर होते हैं। पढ़ाई करते, लैपटॉप पर काम करते, आपके  बालों को सहला कर पास में दूध का गिलास रखने वाली केवल एक मां ही हो सकती है।

बच्चे में लाख बुराइयां हों, पर मां के मुंह से अपने बच्चों के लिए हमेशा तारीफ ही निकलती है।

थॉमस अल्वा एडिसन को कौन नहीं जानता, उन्हें स्कूल वालों ने मंदबुद्धि कह कर स्कूल से निकाल दिया था। यह बात मां ने उनसे छुपाई और घर पर ही उन्हें शिक्षित किया। थॉमस को यह बात तब पता चली जब उन्हें स्कूल की डायरी मिली, जिसमें उनके मंदबुद्धि होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाले जाने के बारे में लिखा था।

कोई रिश्ता इतना त्यागमयी नहीं
इतिहास गवाह है कि दुनिया में कोई भी रिश्ता इतना मर्मस्पर्शी और त्यागमयी हो ही नहीं सकता। हमेशा बच्चों की मीठी मुस्कान पाने को आतुर मां उन्हें थोड़ी-सी भी तकलीफ होने पर बेचैन हो उठती है। वर्तमान दौर में ऐसी भी संतानें हैं जो बुढ़ापे में मां को ‘ओल्ड ऐज होम’ का रास्ता दिखाने से गुरेज नहीं करतीं और ऐसा कर खुद को अपनी जिम्मेदारी से फारिग समझती हैं। वे हमेशा यह याद रखें कि दुनिया में उनका अस्तित्व मां के कारण ही है। खुद हर दुख सह कर बच्चों को सुकून देने वाली मां के लिए उसके बच्चों की मुस्कान ही सबसे बड़ी धरोहर है।

संक्षेप में यह भी कहा जा सकता है कि साधारण-सी दिखने वाली मां अपने बच्चों के सुख के लिए ताउम्र बहुत-सी असाधारण चीजें कर जाती है। मातृत्व दिवस पर यही सन्देश हर तरफ गुंजायमान होना चाहिए कि दुनिया की हर मां जहां भी है, वह हमेशा खुश रहे, तभी यह दिन मनाना सार्थक होगा।

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