Edited By Jyoti,Updated: 27 Jul, 2022 06:27 PM
सावन का महीना चल रहा है जिसका हर दिन बेहद खास माना जाता है। तो वही सावन में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जिसका अपना अधिक महत्व है। धार्मिक शास्त्रों में सावन माह की अमावस्या को विशेष तिथि के रूप में देखा जाता है।
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सावन का महीना चल रहा है जिसका हर दिन बेहद खास माना जाता है। तो वही सावन में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जिसका अपना अधिक महत्व है। धार्मिक शास्त्रों में सावन माह की अमावस्या को विशेष तिथि के रूप में देखा जाता है। बता दें कि सावन में आने वाली हरियाली अमावस्या 28 जुलाई, दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। अमावस्या की तिथि विशेष रूप से पितरों को समर्पित होती है। अमावस्या तिथि पर स्नान-दान के साथ पितरों के श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है। वहीं आपको बता दें कि इस साल की हरियाली अमावस्या बहुत खास मानी जा रही है। तो आइए जानते हैं क्यों है 2022 की हरियाली अमावस्या इतनी खास और इसी के साथ आपको इस दिन किए जाने वाले असरदार उपाय-
जानकारी के लिए बता दें कि श्रावण की अमावस्या तिथि 27 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट पर आरंभ होगी और 28 जुलाई रात को 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं इस दिन प्रातःकाल से पुनर्वसु नक्षत्र और पुष्य नक्षत्र होने से दो शुभ योग बनने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं। इसी के साथ इस दिन की शुरुआत गुरु पुष्य के शुभ योग से हो रही है। ऐसे में इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। इसके अलावा इस साल अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। मान्यता है कि इन योगों में किए गए शुभ काम व पूजा-पाठ जल्दी सिद्ध यानि कि सफल होते हैं।
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इस दिन कौन से कार्य करने से मिलती है पितृ दोष से मुक्ति-
जैसा कि हरियाली अमावस्या हरियाली का प्रतीक है। तो ऐसे में हरियाली अमावस्या पर अपने पितरों के नाम का पौधा अवश्य लगाएं। और उसे रोजाना जल ज़रूर दें। ऐसा करने से पितर अति प्रसन्न होते हैं। और उनके आशीर्वाद से परिवार की तरक्की होती है।
अमावस्या पर दान करने का खास महत्व है। ऐसे में हरियाली अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए गरीबों को कपड़े और अन्न का दान करें।
हरियाली अमावस्या सावन माह में और गुरुवार को होने के कारण इस दिन शिवलिंग पर चने की दाल अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से अज्ञात ऋणों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों के मुताबिक पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का का ध्यान कर जल में काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें और ॐ पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें। ये उपाय आपको शुभ फल प्रदान करेगा।