Kundli Tv- क्या आपने भी तो नहीं महसूस किए ये 12 संकेत

Edited By Jyoti,Updated: 21 Jun, 2018 02:29 PM

have you felt these 12 signs

हिंदू धर्म में भगवान शिव के कईं नाम वर्णित है, जिनके धार्मिक पक्ष से अपने ही विभिन्न अर्थ भी है। इनमें से एक है महाकाल। शिवपुराण के अनुसार महाकाल का अर्थ है काल यानि मृत्यु भी जिसके अधीन हो।

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हिंदू धर्म में भगवान शिव के कईं नाम वर्णित है, जिनके धार्मिक पक्ष से अपने ही विभिन्न अर्थ भी है। इनमें से एक है महाकाल। शिवपुराण के अनुसार महाकाल का अर्थ है काल यानि मृत्यु भी जिसके अधीन हो। महाकाल अर्थात भगवान शंकर जो व्यक्ति को जन्म तथा मृत्यु से मुक्ति दिलाते हैं। अनेकों धार्मिक ग्रथों के अनुसार भोलेनाथ को अनादि व अजन्मा बताया गया है। 

शिव पुराण में भगवान शिव से संबंधित अनेक रहस्यमयी बातें बताई गई हैं। इसके अलावा इस ग्रंथ में ऐसी अनेक बातें लिखी हैं, जो आम व्यक्ति को पता भी नही होगी। शिवपुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को मृत्यु के संबंध में कुछ विशेष संकेत बताए हैं। इन संकेतों को समझकर यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती है। ये संकेत इस प्रकार हैं-

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इस पुराण के अनुसार जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, हर समय मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है।

शिव पुराण के मुताबिक जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें। उसकी आयु एक महीना ही शेष रह जाती है।

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अगर अचानक किसी व्यक्ति का शरीर सफ़ेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जानी संभव होती है। जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, शिवपुराण के अनुसार एेसे व्यक्ति की मृत्यु भी 6 महीने के भीतर हो जाती है।

जिस मनुष्य को चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है। अरूंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दे अथवा जिसे अन्य तारे भी ठीक से न दिखाई दें, ऐसे मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है।

शिव पुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह एक महीने के भीतर ही मर जाता है। 

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त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने बीतते-बीतते उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।

जब किसी व्यक्ति को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है। जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रहता।

जब किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है, ऐसा जानना चाहिए। जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब वह मनुष्य एक मास तक ही जीवित रहता है।

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जिस मनुष्य को ध्रुव तारा अथवा सूर्यमंडल का भी ठीक से दर्शन न हो। रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 महीने से अधिक नहीं होती। ऐसा शिवपुराण में बताया गया है।

जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहू से ग्रस्त देखता है (चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घुमती दिखाई देती हैं, उसकी मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है।

शिवपुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता, उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है। जिसे आकाश में सप्तर्षि तारे न दिखाई दें, उस मनुष्य की आयु भी 6 महीने ही शेष समझनी चाहिए।

शिवपुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और दे तो उसका जीवन भी 6 महीने के भीतर समाप्त हो जाता है।

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