Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Nov, 2021 04:49 PM
हमारा देश सदियों से अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है। यहां एक से एक ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकर दुनिया हैरान रह जाती है। एक ऐसी ही जगह हिमाचल प्रदेश में भी है। यहां का एक
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Malana Village in Himachal Pradesh: हमारा देश सदियों से अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है। यहां एक से एक ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकर दुनिया हैरान रह जाती है। एक ऐसी ही जगह हिमाचल प्रदेश में भी है। यहां का एक गांव अपने आप में बेहद ही रहस्यमयी है। गांव के लोग एक ऐसी भाषा में बात करते हैं, जो यहां के लोगों के अलावा किसी को भी समझ में नहीं आती। इस गांव का नाम है-मलाणा। हिमालय की चोटियों के बीच स्थित मलाणा गांव चारों तरफ से गहरी खाइयों और बर्फीले पहाड़ों से घिरा है। करीब 1700 लोगों की आबादी वाला यह गांव सैलानियों के बीच खूब मशहूर है। दुनियाभर से लोग यहां घूमने के लिए आते हैं।
हालांकि मलाणा तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। इस गांव के लिए कोई भी सड़क नहीं है, जिससे लोग आ-जा सकें। पहाड़ी पगडंडियों से होते हुए ही यहां तक पहुंचा जा सकता है।
पार्वती घाटी की तलहटी में स्थित जरी गांव से यहां तक सीधी चढ़ाई है। जरी से मलाणा तक पहुंचने में करीब चार घंटे लग जाते हैं।
इस गांव से जुड़े कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनमें से एक यह है कि यहां के लोग खुद को यूनान के मशहूर राजा सिकंदर महान का वंशज बताते हैं। कहते हैं कि जब सिकंदर ने हिन्दोस्तान पर हमला किया, तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव में ही पनाह ली थी और फिर वे यहीं के होकर रह गए। यहां के बाशिंदे सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज कहलाते हैं।
हालांकि यह अभी तक पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है। सिकंदर के समय की कई चीजें मलाणा गांव में मिली हैं। कहा जाता है कि सिकंदर के जमाने की एक तलवार भी इसी गांव के मंदिर में रखी हुई है।
यहां के लोग कनाशी नामक भाषा बोलते हैं, जो बेहद ही रहस्यमयी है। वे इसे एक पवित्र जुबान मानते हैं। इसकी खास बात यह है कि यह भाषा मलाणा के अलावा दुनिया में कहीं और नहीं बोली जाती। इस भाषा को बाहरी लोगों को नहीं सिखाया जाता है। इसको लेकर कई देशों में शोध हो रहे हैं।