Edited By Lata,Updated: 28 May, 2019 02:12 PM
आज के समय में हर कोई किसी न किसी दुख से परेशान है। आज हम आपको ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताए गए सुखी जीवन के उन सुत्रों के बारे में बताएंगे
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आज के समय में हर कोई किसी न किसी दुख से परेशान है। आज हम आपको ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताए गए सुखी जीवन के उन सुत्रों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आपका जीवन खुशियों से बीतेगा। हिंदू धर्म के हर एक पुराण में लोगों को जीवन में आने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कुछ प्रसंग बताए गए। जिनका जिक्र आज हम आपके साथ करेंगे। कई बार लोगों की परेशानी का कारण उनकी खुद की गलतियां होती हैं। जिसकी वजह से वह जीवन में परेशान रहते हैं। कई बार इसका कारण पूजा के दौरान होने वाली गलतियां भी हो सकती है। तो चलिए पुराणों के अनुसार बताएंगे कि पूजा के दौरान क्या और कैसे करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार पूजा में प्रयोग की जाने वाली किसी भी चीज़ को जमीन पर भूलकर भी न रखें। अक्सर आपने देखा होगा कि कई लोग पूजा की तैयारी करने में मग्न हो जाते हैं और भूल वश पूजा का सामान नीचे रख देते है, जोकि गलत होता है। दीपक, शंख या किसी भी देवी-देवता की तस्वीर को जमीन पर रखने से पहले कोई साफ-सुथरा कपड़ा बिछा लें और फिर रखें। जमीन के अलावा अगर आप चौकी के ऊपर भी पूजा से जुड़ी ये चीजें रखते हैं तो चौकी पर भी एक कपड़ा बिछा लें।
सुबह उठकर भगवान का ध्यान लगाने से मन को शांति तो मिलती ही है और साथ ही व्यक्ति का सारा दिन अच्छा बीतता है। सुबह उठने के बाद दोनों हथेलियों को देखना भी शुभ माना जाता है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार इंसान को कभी भी माता पिता, कन्या, औरत, पत्नी, गुरु, देवी-देवता, गाय और तुसली का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति औरों का अनादर या अपमान करता है उसपर कभी भी भगवान की कृपा नहीं बनती है। इसके अलावा ऐसा व्यक्ति जीवन भर गरीब ही रहता है। इसलिए आप अपने जीवन में भूलकर भी इन लोगों का अपमान न करें और अगर आपके सामने कोई इनका अपमान कर रहा हो तो आप उसे भी रोकें।
हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व माना गया है। कहते हैं कि दान करने से व्यक्ति के ऊपर चली रही मुसीबतें कम होती हैं। इसलिए अपनी क्षमता के अनुसार हर इंसान को दान देना चाहिए। वहीं अगर दान देने में विलंब हो जाता है तो आप दोगुना दान करें। हर पूर्णिमा के दिन दान करने से जीवन की हर परेशानी से निजात मिलता है।
शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि सुबह नहाने और पूजा के बाद सूर्यदेव को जल अवश्य देना चाहिए। कहते हैं कि अर्घ्य देने से इंसान को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और उसका दिन अच्छे से गुजरता है। इसके साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।