Edited By Lata,Updated: 24 Feb, 2020 10:55 AM
हिंदू धर्म में होली का पर्व बहुत ही खास होता है। जहां पूरे देश में इसकी धूम मची होती है, तो वहीं मथुरा व वृंदावन की
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हिंदू धर्म में होली का पर्व बहुत ही खास होता है। जहां पूरे देश में इसकी धूम मची होती है, तो वहीं मथुरा व वृंदावन की होली देखने बनती है। मान्यताओं के अनुसार होली से आठ दिन पहले ही होलाष्टक शुरू हो जाता है। ऐसे में हर शुभ कार्य पर रोक लग जाती है और इस बार होलाष्टक 03 मार्च से लग जाएगा, जोकि 09 मार्च तक चलेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नए बिजनेस या कोई अन्य शुभ कार्य इन्हें करने की मनाही रहती है।
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होलाष्टक का महत्व
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक ग्रहों की दशा का स्वरूप उग्र होता है। फाल्गुन शुक्ल आष्टामी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को बृहस्पति, त्रयोदशी को बुध और चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र रूप में रहते हैं। ऐसे में इंसान का मन कई प्रकार के दुविधाओं से घिरा रहता है, इसलिए कोई भी शुभ कार्य बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना अधिक रहती है।
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वहीं शास्त्रों के अनुसार होली से आठ दिन पहले भक्त प्रह्लाद को उसके पिता हिरण्यकशिपु ने मारने की कोशिश शुरू कर दी थी। इसलिए होलाष्टक की अवधि में शुभ कार्य नहीं नहीं किए जाते हैं।