Edited By Lata,Updated: 24 Feb, 2020 12:14 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होली का त्योहार 10 मार्च को पड़ रहा है, लेकिन उससे पहले होलाष्टक 03 मार्च से लग
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होली का त्योहार 10 मार्च को पड़ रहा है, लेकिन उससे पहले होलाष्टक 03 मार्च से लग जाएगा और इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। पौराणिक शास्त्रों में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा गया है। होलाष्टक के दिन होलिका दहन के लिए 2 डंडे स्थापित किए जाते हैं। जिनमें एक को होलिका तथा दूसरे को प्रह्लाद माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जिस क्षेत्र में होलिका दहन के लिए डंडा स्थापित हो जाता है, उस क्षेत्र में होलिका दहन तक सारे शुभ कामों पर रोक लग जाती है।
होलाष्टक में क्या न करें
शास्त्रों के मुताबिक होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होता है। ऐसे में इस अवधि में मांगलिक कार्यों पर रोक लगी होती है।
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धर्म ग्रंथों में वर्णित 16 प्रकार के संस्कार को सम्पन्न करना अशुभ बताया गया है। हालांकि इस दौरान अगर कोई स्वर्गवास हो जाता है तो उसका अंतिम संस्कार किया जा सकता है।
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धार्मिक अनुष्ठान जैसे- यज्ञ, हवन आदि कार्य भी इन दिनों में नहीं किए जाते हैं।
नवविवाहिता इस दौरान मायके भी नहीं जातीं और न ही मायके से ससुराल को जाती हैं।
भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन भी होलाष्टक की अवधि में नहीं किया जाता है।
होलाष्टक में क्या करें
इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है, फिर भी इस दौरान अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। व्रत-उपवास भी कर सकते हैं। होलाष्टक के दौरान जरूरतमंदों को अनाज, वस्त्र आदि दान करना लाभदायक बताया गया है।