Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2022 08:43 AM
शास्त्रों के अनुसार निर्धारित नियमों का पालन करने से घर-परिवार को सुखी व समृद्ध बनाया जा सकता है। कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें करते रहने से घर में ऊपरी शक्तियां अथवा बाधाएं प्रवेश नहीं कर सकती।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Upari Badha Se Bachav Ke Vastu Upay: शास्त्रों के अनुसार निर्धारित नियमों का पालन करने से घर-परिवार को सुखी व समृद्ध बनाया जा सकता है। कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें करते रहने से घर में ऊपरी शक्तियां अथवा बाधाएं प्रवेश नहीं कर सकती। सर्वप्रथम तुलसी को घर में स्थापित करें क्योंकि तुलसी साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा हैं और भारत के हर भाग में सहज उपलब्ध हैं। जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं, वह घर सूना समझा जाता है। तुलसी का स्पर्श कर घर में प्रवेश करने वाली वायु साक्षात अमृत होती है। दैहिक स्वास्थ्य को सिद्ध करती है। प्रतिदिन तुलसी को जल चढ़ाने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है अपितु इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि करते हैं।
घर में मंदिर की स्थापना करने से पूर्व ध्यान रखें की वहां सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आसानी से आ जा सके। ऐसा करने से ऊपरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगी।
जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, वहां लक्ष्मी जी की कृपा होती है, अन्न व धन की कभी कमी नहीं आती।
गोबर में लक्ष्मी का वास होने से इसे 'गोवर' अर्थात गौ का वरदान कहा जाना ज्यादा उचित होगा। गोबर से लीपे जाने पर ही भूमि यज्ञ के लिए उपयुक्त होती है। गोबर से बने उपलों का यज्ञशाला और रसोई घर, दोनों जगह प्रयोग होता है। मान्यता है जिस जगह को प्रतिदिन गाय के गोबर से लीपा पोता जाता है, वह जगह हमेशा पवित्र रहती है और उस स्थान में मां लक्ष्मी सर्वदा निवास करती हैं। ऐसे घर को धन-दौलत से समृद्ध करती हैं मां लक्ष्मी।
पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करना शुभता का संचार करता है। मंदिर का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूजा घर में प्रतिमाएं कभी भी प्रवेशद्वार के सम्मुख नहीं होनी चाहिए।
प्रात: और संध्या पूजन के समय पूरे घर में घूमकर घंटी बजाएं। ऐसा करने पर घंटी की आवाज से नकारात्मकता नष्ट होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
रात को सोने से पहले मंदिर को पर्दे से ढंक देना चाहिए।
घर में गौमूत्र का छिड़काव करें। इस उपाय से घर पर दैवीय शक्तियों की विशेष कृपा होती है।
पूजा घर को साफ करने का झाड़ू-पोंछा भी अलग ही रखें। जिस कपड़े से भवन के अन्य हिस्से का पोंछा लगाया जाता हो उसे पूजाघर में उपयोग में न लाएं।