Edited By ,Updated: 10 Feb, 2017 09:46 AM
किसी भी घर या मकान में सीढ़ियों का बहुत अधिक महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार गलत दिशा में या
किसी भी घर या मकान में सीढ़ियों का बहुत अधिक महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार गलत दिशा में या गलत घुमाव देकर बनाई गई सीढ़ियों का प्रभाव घर के हर सदस्य पर पड़ता है। इसके परिणाम भी प्रतिकूल हो सकते हैं। इसलिए सीढ़ियां किस दिशा में, कहां और कैसे बनाई जाएं, आइए इस पर चर्चा करें।
मकान में सीढ़ियां बनाने के लिए सबसे उत्तम स्थान पश्चिम दिशा को माना गया है।
सीढ़ियां सदा दाईं ओर घूमती हुई बनाना शास्त्र सम्मत बताया गया है। बाईं तरफ घुमावदार सीढ़ियां कभी न बनाएं।
सीढ़ियां विषम संख्या में ही होनी चाहिएं। अर्थात कुल सीढ़ियों के योग में तीन का भाग देने पर शेष दो बचें। जैसे-5, 11, 17।
सीढ़ियां सदा घर के अंदर ही बनवाना ठीक रहता है। भूलकर भी सीढ़ियां घर के बाहर नहीं बनाएं।
एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी की ऊंचाई बराबर हो। सबसे उत्तम ऊंचाई 9 इंच होती है।
प्रवेश द्वार के सामने एवं घर के मध्य में सीढ़ियां कभी नहीं बनाएं।
मकान में पूर्व दिशा एवं उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां कभी नहीं बनाएं।
घुमावदार सीढ़ियां घर के मुखिया के लिए ठीक नहीं होती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें।
सीढ़ियों के नीचे पूजाघर एवं शौचालय भूलकर भी नहीं बनाएं।
सीढ़ियों के दोनों ओर दीवार नहीं होने पर रेलिंग (हत्थे) अवश्य लगाएं।