घर में फेंगशुई के देवी-देवता रखने से बढ़ती है आमदनी, मिलते हैं ढेरों लाभ

Edited By ,Updated: 19 Apr, 2017 03:06 PM

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घर पर हमेशा देवी-देवताओं की सकारात्मक कृपा बनी रहे, इसके लिए हम कोई न कोई पूजा-पाठ करते या कराते रहते हैं लेकिन

घर पर हमेशा देवी-देवताओं की सकारात्मक कृपा बनी रहे, इसके लिए हम कोई न कोई पूजा-पाठ करते या कराते रहते हैं लेकिन फेंगशुई में कुछ ऐसे देवी-देवता हैं जिनकी छवि घर में रखने मात्र से ही अनेक प्रकार की बाधाएं शांत होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश एवं वृद्धि होती है। फेंगशुई के उन्हीं देवी-देवताओं के विषय में यहां पर चर्चा की जा रही है।


लुक-फुक-साऊ : ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के समान ही लुक, फुक एवं साऊ चीनी देवता हैं जिन्हें एक साथ प्रदर्शित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनकी उपस्थिति से घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की वृद्धि होती है।


लुक उच्च श्रेणी के देवता माने जाते हैं। इनके सिर पर चपटी टोपी होती है तथा चेहरे पर लंबी काली दाढ़ी। इनके बाएं हाथ में गदा के समान एक अस्त्र होता है जिसे रूईब कहा जाता है। इनकी मूर्ति रखने से व्यक्ति ऊंचे ओहदे पर पहुंचने की कामना को पूर्ण करता है।


फुक को समृद्धि का देवता माना जाता है। इनकी छवि (कद) लुक से लंबी होती है। इनके सिर पर गोल टोपी होती है तथा चेहरे पर घनी, लंबी एवं काली दाढ़ी होती है। जिस घर में फुक की मूर्ति रहती है, उस घर में आमदनी में वृद्धि होती है।


साऊ को दीर्घायु का देवता माना जाता है। इनका स्वरूप बुजुर्ग वाला होता है। इनका सिर गोल एवं गंजा होता है। इनकी दाढ़ी लंबी एवं सफेद है। इनके सिर पर टोपी नहीं होती।


सुख, समृद्धि, शक्ति, स्वास्थ्य एवं दीर्घायु के प्रतीक इन तीनों चीनी देवताओं (लुक-फुक-साऊ) को एक साथ एक स्थान पर रखा जाता है। इन मूर्तियों को घर के डाइनिंग रूम में आई लैवल से ऊंचा रखा जाना चाहिए। इसे कार्यालय, फैक्टरी आदि में भी रखा जाता है। इनके रखने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होने लगती है।


कुयान कुंग : चीन के निवासी कुयान कुंग को शक्ति का प्रतीक मानते हैं। वहां के लोगों का मानना है कि कुयान कुंग की छवि को प्रवेश द्वार के पास लगाने से अनेक प्रकार की बाधाएं घर में प्रवेश नहीं कर पातीं तथा शक्ति एवं सौभाग्य की वृद्धि होती है। सेनानायक की तरह युद्ध का कवच पहने तथा युद्ध के लिए तत्पर रहने की मुद्रा में इनका स्टैच्यू आता है। नवयुवकों में जोश-उमंग उत्पन्न करने, प्रतियोगिता में जीत हासिल करने तथा व्यापार में वृद्धि करने हेतु इनकी प्रतिमा को घर या कार्यालय के प्रवेश द्वार के निकट लगाया जाता है।


हीचिंग : यह एक षोडशी स्वरूपा नवयुवती की छवि है। चीन की नवयुवतियों की प्रिय देवी मानी जाती हैं। फेंगशुई के अनुसार ही चिंग की छवि को शयनकक्ष में रखने से पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध बना रहता है। कुंवारी कन्याओं के शयन-कक्ष में इनका स्टैच्यू रख देने मात्र से इनकी सोच में पवित्रता आने लगती है। वैवाहिक बाधाओं को दूर कराकर अच्छे जीवन साथी को प्रदान करने में ही ‘हीचिंग’ की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। चीन में ‘हीचिंग’ की प्रतिमा प्रत्येक घर में रखी जाती है। 


मदर कुयान यिन : फेंगशुई में इन्हें ‘लेडी लाफिंग बुद्ध’ तथा दया की देवी भी कहा जाता है। लोगों का मानना है कि ये जिस घर में रहती हैं, मां के समान वहां के लोगों की देखभाल करती हैं तथा बुरी नजरों के प्रभाव से बचाती हैं। यह अधिकतर बैठी हुई मुद्रा में होती हैं तथा सफेद वस्त्र धारण किए होती हैं। इनका आसन कमल का फूल है। 
ये घर के बच्चों तथा महिलाओं की विशेष रूप से रक्षा करती हैं। मदर कुयान यिन घर के सदस्यों के भाग्य को जगाती हैं। नवदंपति में आपसी प्रेम जगाती हैं, नि:संतानों को संतान सुख प्रदान कराती हैं तथा अनेक बीमारियों से रक्षा करती हैं।


भारत में वर्तमान समय में लोग वास्तुशास्त्र के साथ ही फेंगशुई के चमत्कारिक प्रतीकों को भी दु्रतगति से अपनाने लगे हैं। सुख, शांति, समृद्धि के लिए फेंगशुई की अनेक वस्तुओं का प्रयोग हमारे यहां किया जाने लगा है, जिसकी सार्थकता भी दिखाई देती है।

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