Edited By Jyoti,Updated: 31 May, 2018 04:00 PM
हिंदू धर्म में शादी के बाद अक्सर हर महिला बिछिया, मंगलसूत्र, मांग टीका आदि पहना पसंद करती हैं। जिनमें से बिछिया आमतौर पर चांदी का होता है और यह महिलाओं के सोलह श्रृंगारों में शामिल भी है। इन सोलह श्रृंगारों में 15 वें पायदान पर पैरों की अंगुलियों...
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हिंदू धर्म में शादी के बाद अक्सर हर महिला बिछिया, मंगलसूत्र, मांग टीका आदि पहना पसंद करती हैं। जिनमें से बिछिया आमतौर पर चांदी का होता है और यह महिलाओं के सोलह श्रृंगारों में शामिल भी है। इन सोलह श्रृंगारों में 15 वें पायदान पर पैरों की अंगुलियों में बिछिया पहनने का रिवाज़ है। सोने का टीका और चांदी की बिछिया पहने के पीछे भाव ये होता है कि आत्म कारक सूर्य और मन कारक चंद्रमा दोनों की कृपा जीवनभर बनी रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसके पीछे क्या कारण है।
महिलाओं का बिछिया पहनने का कारण सिर्फ उनके शादीशुदा होना ही नहीं दर्शाता बल्कि इसके पीछे के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। आईए जानते हैं क्यों महिलाओं का पैरों में बिछिया पहनना अच्छा माना जाता है।
कुछ हिंदू मान्यताओं के अनुसार शादी के समय कन्या के पैर में बिछिया पहनाई जाती है। मांग में सोने का टीका सजाने और चांदी की बिछिया पहनने के अन्य कई अर्थ हैं। अधिकतर महिलाएं बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में ही पहनती हैं। इसे यहां पहनने से यह गर्भाशय को नियंत्रित करती हैं और गर्भाशय में सन्तुलित ब्लड प्रेशर द्वारा उसे स्वस्थ रखती है। वहीं पैरों में बिछिया महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका भी निभाती है। साथ ही बिछिया पहनने से साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है। इन्हें दोनों पैरों में पहनने से महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है।
ज्योतिष के अनुसार मानें तो विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में पहनने की मान्यता है। मान्यताओं के अनुसार चांदी की पायल और बिछिया माता लक्ष्मी का वाहक होते हैं इसलिए इनका खोना शुभ संकेत नहीं होता। इसलिए इन्हें बड़ी सावधानी पूर्वक पहनना चाहिए। बिछिया कभी भी पैर की अंगुली से खोना नहीं चाहिए साथ ही इन्हें किसी और को उतार कर नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति बीमार पड़ सकते हैं। आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है और पति पर कर्ज चढ़ सकता है। मांग के बीचों बीच पहना जाने वाला सोने का बना मांग टीका सिन्दुर के साथ मिलकर स्त्री की सुन्दरता में चार चांद तो लगाता ही है साथ ही मांग में टीका पहनने से दीमाग संबंधी क्रियाएं नियंत्रित, संतुलित तथा नियमित रहती हैं और दीमाग की हर बीमारी को खत्म करती हैं।
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