Edited By Jyoti,Updated: 02 Aug, 2020 05:30 PM
रक्षाबंधन का त्यौहार भारत वर्ष में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म के ग्रंथों तथा पुराणों में भी इस त्यौहार का अच्छे से वर्णन किया गया है। यही कारण है इसका खासतौर पर भारत में अधिक महत्व है।
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रक्षाबंधन का त्यौहार भारत वर्ष में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म के ग्रंथों तथा पुराणों में भी इस त्यौहार का अच्छे से वर्णन किया गया है। यही कारण है इसका खासतौर पर भारत में अधिक महत्व है। ये त्यौहार भाई और बहन के प्रेम और रक्षा से जुड़ा हुआ है? मगर क्या आप जानते हैं कि न केवल भारत देश में बल्कि दुनिया भर में कई अन्य राज्यों में ये त्यौहार बहुत धूम-धाम से मनाया है। दूर-दूर से भाई बहन इस त्यौहार को मनाने के लिए एक दूसरे के पास जाते हैं। मगर इस बार रक्षा बंधन की बात करें इस बार कोरोना के चलते बहुत से भाई-बहन इस दौरान एक-दूसरे से दूर हैं और चाहकर भी एक दूसरे के पास नहीं जा पा रहे। इसके अलावा कुछ ऐसी भी बहनें होंगी जिनके भाई होंगे ही नहीं। ऐसे में निराश होना स्वाभाविक है। मगर आपको बता दें इस निराशा को दूर किया जा सकता है। जी हां, लाल किताब और वास्तु ऐक्स्पर्ट आशु मल्होत्रा के अनुसार जिन लड़कियों के मन में ये भावना आती है कि हमारा कोई भाई नहीं है तो वो किसे राख़ी बांधे तो ऐसे में लड़कियां भगवान शंकर, विष्णु तथा श्री हरि के अवतार कृष्ण जी को राख़ी बांध सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं राशि अनुसार आपको किस इष्ट को राख़ी बांधनी चाहिए-
मेष राशि के अधिपति मंगल है, जो हमारे जोश के कारक हैं। आशु जी बताते हैं कि इस राशि के इष्ट हनुमान जी हैं। ऐसे में इन्हें हनुमान जी को राखी बांधने चाहिए।
वृष राशि के अधिपति शुक्राचार्य है, ऐसे में शिव जी को राख़ी बांधनी चाहिए।
मिथुन राशि के कारक बुध देव हैं, बुद्धि के ईष्ट गणेश जी हैं , इस राशि के लड़कियों को गणेश जी को राखी बांधनी चाहिए।
कर्क राशि के अधिपति चंद्र देव हैं, इस राशि की महिलाओं आदि को शिव को राखी बांधनी चाहिए।
सिंह राशि के अधिपति भगवान सूर्य हैं, जो पृथ्वी के पालन हार हैं, आप विष्णु जी को राखी बांध सकते हैं।
कन्या राशि वाले भी गणेश जी को राखी बांध सकते हैं।
तुला राशि के अधिपति शुक्राचार्य हैं यानि ये लोग भी शिव जो राखी बांधें तो अच्छा होगा।
वृक्षिक राशि के ईष्ट देव हनुमान जी ही हैं आप पवनपुत्र हनुमान जो को राखी बांध सकते हैं।
धनु राशि के कारक बृहस्पति जी हैं जो ज्ञान के देवता हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी ने गीता में अर्जुन को ज्ञान के द्वारा ही जीवन का भेद दिया था। यानि आप श्रीकृष्ण को राखी बांध सकते हैं।
मकर और कुंभ राशि के अधिपति शनिदेव हैं जो कर्मफल दाता, जो शिव के शिष्य हैं, जो सच की राह पर चलता है। उसकी हर मुश्किल से रक्षा करते हैं. इसलिए मकर और कुंभ राशि वाले शनिदेव जी को राख़ी बांधे सकते हैं।
‘येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:’
मंत्र- जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा। हे रक्षे! (रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो।
मीन राशि भी बृहस्पति जी के अधीन हैं, आप भी कृष्ण जी को राखी बाध सकते हैं। आपकी भी हर मुश्किल से रक्षा होगी।
इसके अलावा जानें राखी बांधते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए-