यदि आपका जन्म 14 जनवरी से 13 फरवरी के बीच हुआ हो

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 02:41 PM

if you were born between january 14 and february 13

मकर का सूर्य प्राय: 13-14 जनवरी से 10 फरवरी तक रहता है। मकर राशि का स्वामी शनि है। इसलिए जातक में बहुत से गुण शनि के पाए जाते हैं। इस समय जो पैदा होते हैं वे स्वयं अपने उद्यम से अपने भाग्य का निर्माण करते हैं और जो सम्पत्ति उपार्जित करते हैं उसे...

मकर का सूर्य प्राय: 13-14 जनवरी से 10 फरवरी तक रहता है। मकर राशि का स्वामी शनि है। इसलिए जातक में बहुत से गुण शनि के पाए जाते हैं। इस समय जो पैदा होते हैं वे स्वयं अपने उद्यम से अपने भाग्य का निर्माण करते हैं और जो सम्पत्ति उपार्जित करते हैं उसे नष्ट नहीं करते।


शनि परिश्रमशील ग्रह है इस कारण ऐसे जातक भी फुर्तीले और परिश्रमी होते हैं। मध्य रात्रि के बाद और मध्याह्न के पहले यदि जातक का जन्म हो तो उसमें यह गुण विशेष मात्रा में पाए जाएंगे परंतु यदि इसके अतिरिक्त 12 घंटे में जन्म हुआ तो शरीर का कोई अंग दोषयुक्त हो या आकस्मिक घटना द्वारा ऐसा दोष बाद में उत्पन्न हो जाए। स्वभाव में उत्साह के साथ-साथ झगड़ालू प्रकृति भी होती है। भीतर से मन कभी-कभी बहुत उदास हो जाता है। 


व्यापारी बुद्धि इन लोगों की अच्छी होती है और एक से अधिक बातों में समान रूप से दक्ष होते हैं। इनकी इ‘छाशक्ति प्रबल होती है और इस कारण अपने ध्येय में सफल होते हैं। इनके व्यवहार में उतना इखलाक नहीं रहता, जितना रहना चाहिए, इसलिए कुछ उद्दंडता का प्रभाव पड़ता है। इन्हें क्रोध देर में होता है और शांत भी देर से। बिना सोचे-विचारे ऐसे व्यक्ति कोई काम नहीं करते। इनके कामों में फुर्ती होती है और जन्म कुंडली के 2, 12, 6, 8 में यदि क्रूर ग्रह न बैठे हों तो दृष्टि शक्ति अच्छी होती है।


अपने उद्यम से धन प्राप्त होगा। भाई-बहन कई होंगे परंतु सहायता की अपेक्षा हानि की संभावना अधिक है। छोटी-छोटी यात्राएं भी बहुत-सी होंगी। पिता के किन्हीं-किन्हीं व्यवहारों से खिन्नता होगी और कौटुम्बिक परिस्थितियां भी असंतोष का कारण होंगी। इनके वैवाहिक सुख में भी कुटुम्बियों द्वारा अड़चन डाली जाएगी। जीवन में पूर्वाद्र्ध में चोट लगने का या अधिक बीमार होने का डर है। यात्रा में काफी अड़चनें रहेंगी और संबंधियों के कारण परेशानियां उठानी पड़ेंगी। शनि की राशि होने के कारण वात-व्याधि से ऐसे जातक पीड़ित होंगे। हाथ-पैर या जोड़ों में गठिया हो या वायु के कारण पाचन शक्ति में गड़बड़ हो। ऊंचे से गिर कर चोट लगने का भी अंदेशा है। बिना किसी विशेष बीमारी के भी ऐसे आदमियों को कभी-कभी बीमारी का वहम रहता है। भाई-बहन कम से कम, उनमें से एक इनका मित्र साबित नहीं होगा परंतु अंत में विजय जातक की होगी।


ऐसे व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं किन्तु परिश्रमपूर्वक ऐसे कार्य द्वारा धन उपार्जन करते हैं जिनमें कोई घाटे की आशंका न हो। शनिवार और 8 की संख्या इनके लिए विशेष महत्वपूर्ण हैं। हरा अथवा काला खाकी रंग इनके लिए शुभ है। इन लोगों को रोग पाचन शक्ति की खराबी के कारण होते हैं और वृद्धावस्था में हृदय रोग के होने की भी संभावना रहती है। 


‘वराहमिहिर’ के मतानुसार यदि मकर में सूर्य हो तो मनुष्य अनुदार, कुत्सित वाणिज्य करने वाला, अल्प धनवान होता है। ‘सारावली’ के मतानुसार ऐसे आदमी के बंधु उसका साथ नहीं देते। वह भीरू, तृष्णसहित बहु कार्यरत तथा लोभी होता है। बहुत बार नक्षत्र विशेष से सूर्य युति होने पर उपर्युक्त सामान्य फलादेश में अंतर भी पड़ जाता है, जो केवल जन्म कुंडली द्वारा जाना जा सकता है। 

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