Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Mar, 2020 09:02 AM
मीन का सूर्य 14 मार्च से 12 अप्रैल तक रहता है। मीन जल राशि है। इसका स्वामी बृहस्पति है। इस कारण जो जातक इस समय में पैदा होते हैं उनमें जलराशि तथा बृहस्पति से प्रभावित सूर्य के गुण आ जाते हैं।
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मीन का सूर्य 14 मार्च से 12 अप्रैल तक रहता है। मीन जल राशि है। इसका स्वामी बृहस्पति है। इस कारण जो जातक इस समय में पैदा होते हैं उनमें जलराशि तथा बृहस्पति से प्रभावित सूर्य के गुण आ जाते हैं। ऐसे व्यक्ति कला, विज्ञान तथा साहित्य में विशेष निपुण होते हैं और अपने गुणों द्वारा प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। बिना चेष्टा किए यह लोकप्रिय हो जाते हैं। इनकी प्रकृति में बेचैनी होती है और अपने कार्य की स्वयं आलोचना किया करते हैं। इनके विचारों में परिवर्तन होता रहता है और चाहते हैं कि शीघ्र से शीघ्र अपने उद्देश्य पर पहुंचें। इनकी प्रकृति में ईमानदारी होती है परंतु कल्पनाशील अधिक होते हैं।
विलासप्रिय होने पर भी स्वाभिमान के कारण नीचे गिरने की प्रवृत्ति को रोकते हैं। इनमें अधिकारी होने की भावना विशेष होती है। लोगों से मिलनसारी और मित्रता का भाव रखते हुए भी अपने हृदय की बात नहीं बताते।
ऐसे व्यक्ति परिश्रमी होते हैं और दूसरों को बहुत आतिथ्य करते हैं तथा वार्तालाप में बहुत निपुणता, लिखने-पढऩे में भी बहुत प्रवीणता होती है। स्वयं अच्छा भोजन करने के शौकीन होते हैं तथा दूसरों को दावत देने का भी शौक होता है।
स्वयं अपने गुणों के कारण काफी धन उपार्जन करेंगे परंतु फिजूलखर्ची, सट्टा या संबंधियों द्वारा धन का अपव्यय होगा। ऐसे व्यक्ति एक से अधिक काम में समान रूप से निपुण होते हैं और दोनों काम एक साथ करते रहते हैं। इनके भाइयों की अपेक्षा बहनें अधिक होंगी और एक की मृत्यु कम अवस्था में हो, ऐसी आशंका है। ऐसे लोग यात्रा भी अधिक करते हैं और साथ-साथ धन उपार्जन भी, संभवत: जायदाद संबंधी मुकद्दमा भी करना पड़े। थोड़ी अवस्था में घर छोड़ कर जाना पड़े। विवाह भी एक से अधिक हों। इनमें से एक विवाह से काफी परेशानी पड़े। स्थान-परिवर्तन कई बार हो। कुटुम्ब में आकस्मिक दुर्घटनाएं भी हों।
इस समय पैदा होने वाली स्त्रियों को गर्भाशय संबंधी रोग होने की संभावना रहती है। पुरुषों को भी गुप्त रोगों की संभावना रहती है। हृदय तथा नेत्र संबंधी बीमारियों से बचते रहना चाहिए। दु:स्वप्र आएं। असली मित्र बहुत थोड़े हों, किसी एक मित्र के कारण, जो शत्रु हो जाए, बड़ा भारी आघात हो। ऐसे व्यक्ति प्राय: समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।
इस समय जो मनुष्य पैदा होते हैं, उन्हें गहरा नीला रंग और बृहस्पतिवार शुभ होता है। 3 और 7 की संख्या भी शुभ होती है। ‘वराहमिहिर’ के मतानुसार जिनके जन्म के समय सूर्य मीन राशि में हो, वे यदि जल से निकली हुई वस्तु या समुद्र पार देशों से माल मांगने का या भोजन का काम करें तो विशेष धन-लाभ हो सकता है।
‘सारावली’ के मतानुसार ऐसे मनुष्य मीठी वाणी बोलते हैं, परंतु उनमें असत्य की मात्रा भी होती है। स्त्रियों के संपर्क से इन व्यक्तियों का भाग्योदय होता है। ये लोग शत्रु पर विजय पाते हैं और इनके बहुत से पुत्र तथा भृत्य होते हैं।