तीसरा बड़ा मंगलवार: इस दिन हुई थी पवनपुत्र और श्री राम की पहली मुलाकात

Edited By Jyoti,Updated: 04 Jun, 2019 10:45 AM

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जैसे कि सब जानते हैं कि ज्येष्ठ मास चल रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगलवार कहा जाता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी समर्पित है

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जैसे कि सब जानते हैं कि ज्येष्ठ मास चल रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगलवार कहा जाता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी समर्पित है, इसीलिए इस दिन बजरंगबली की साधना करने का खासा महत्व है। आपकी जानकार के लिए बता दें कि बजरंगी की कृपा दिलाने वाले बड़े मंगल की शुरुआत ज्येष्ठ के महीने में 21 मई से हुई। तो चलिए जानते हैं बड़े मंगलवार की विशेषता के साथ-साथ इसके पूजन विधि और अन्य बातों के बारे में-
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आज यानि 4 जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगशिरा नक्षत्र में ज्येष्ठ मास का तीसरा बड़ा मंगल पड़ेगा। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं, जो सबका मंगल करते हैं। ऐसे में इस श्री राम भक्त हनुमान जी के लिए साधकों के लिए यह एक अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी दिन माना जाता है। ज्येष्ठ मास का मंगलवालर कोई आम पर्व नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इसके महापर्व के रुप में मनाया जाता है। कहा जाता है इस दिन लखनऊ के तकरीबन प्रत्येक मंदिर, सड़क, गली, आदि में लोग हनुमान जी पूजा में लीन दिखाई देते हैं।
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ज्येष्ठ मास के दिन हुई थी श्रीराम और हनुमान की पहली मुलाकात-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री हनुमान जी अपने आराध्य प्रभु श्रीराम से पहली बार ज्येष्ठ माह के मंगलवार वाले दिन ही मिले थे। यही बड़ा कारण है जो इसे बड़ा मंगल का नाम दिया गया।
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पूजन विधि-
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक हनुमान उन सात पवित्र देवताओं में से एक हैं जो सशरीर युगों-युगों से इस पृथ्वी पर मौजूद हैं। ऐसे में बजरंगी के इस पावन दिन उनकी विधि-विधान से पूजा करने पर सुख-समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पवनपुत्र जी को पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ चना, गुड़, मीठी पूड़ी आदि का प्रसाद चढ़ना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन अन्न दान और जल दान का विशेष महत्व है।

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