कार्तिक पूर्णिमा की इन खास बातों को नहीं जानते होंगे आप

Edited By Lata,Updated: 11 Nov, 2019 12:46 PM

importance of kartik purnima

कार्तिक का महीना सभी माह में से सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। कहते हैं कि ये भगवान विष्णु का प्रिय माह है,

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कार्तिक का महीना सभी माह में से सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। कहते हैं कि ये भगवान विष्णु का प्रिय माह है, इस मास में की गई भगवान की भक्ति बहुत रंग लाती है। इसी तरह कार्तिक पूर्णिमा का दिन भी बहुत ही खास होता है। इस दिन कार्तिक का अंतिम दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति किसी पवित्र नदी में स्नान करता है तो उसके सार पाप धूल जाते हैं। इस साल ये दिन कल यानि 12 नवंबर को मनाया जा रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारें में। 
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बता दें कि प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं आती हैं। लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तो  इनकी संख्या बढ़कर सोलह हो जाती है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है।

पुराणों में इस दिन स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। इसका महत्व सिर्फ वैष्णव भक्तों के लिए ही नहीं शैव भक्तों और सिख धर्म के लिए भी बहुत ज्यादा है।
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भगवान विष्णु के भक्तों के लिए यह दिन इसलिए खास है क्योंकि भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था। प्रथम अवतार में भगवान विष्णु मत्स्य यानि मछली के रूप में थे। वहीं शिव भक्तों के अनुसार इसी दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का संहार कर दिया जिससे वह त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए। इससे देवगण बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने शिव जी को त्रिपुरारी नाम दिया जो शिव के अनेक नामों में से एक है। इसलिए इसे 'त्रिपुरी पूर्णिमा' भी कहते हैं।

सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। 
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यह दिन एक नहीं बल्कि कई वजहों से खास है। इस दिन गंगा-स्नान, दीप दान, अन्य दानों आदि का विशेष महत्व है। इस दिन क्षीरसागर दान का अनंत महत्व है, क्षीरसागर का दान 24 अंगुल के बर्तन में दूध भरकर उसमें स्वर्ण या रजत की मछली छोड़कर किया जाता है। ​​​​​​कार्तिक पूर्णिमा उत्सव दीपावली की भांति दीप जलाकर सायंकाल में मनाया जाता है।

इस दिन चंद्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कृतिका में शिवशंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। अत: कार्तिक पूर्णिमा का दिन कई मायनों में बहुत खास हैं।

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