Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Mar, 2019 10:45 AM
क्या आप मेहनत तो बहुत करते हैं लेकिन किस्मत साथ नहीं देती? ऐसे में अपना जीवन शास्त्रानुसार कही गई बातों पर अमल करके व्यवहार में थोड़ा सुधार लाएं, जिससे की भाग्य का साथ मिलने लगेगा।
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क्या आप मेहनत तो बहुत करते हैं लेकिन किस्मत साथ नहीं देती? ऐसे में अपना जीवन शास्त्रानुसार कही गई बातों पर अमल करके व्यवहार में थोड़ा सुधार लाएं, जिससे की भाग्य का साथ मिलने लगेगा। कुछ ही दिनों में आप अनुभव करेंगे की आपके साथ सब अच्छा होने लगेगा।
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मनुस्मृति में कहा गया है, अपने से श्रेष्ठ और अपने से छोटे व्यक्तियों की शय्या और आसन पर नहीं बैठना चाहिए।
शुक्र नीति में कहा गया है गुरु, राजा या किसी श्रेष्ठ व्यक्ति के सामने बिना अनुमति के नहीं बैठना चाहिए।
कूर्म पुराण के अनुसार गुरु, देवता, ब्राह्मण, गौ, वायु, अग्नि, राजा, सूर्य, चंद्रमा और अपने से श्रेष्ठ व्यक्तियों के सामने पैर नहीं फैलाना चाहिए।
आपस्तम्बधर्मसूत्र में कहा गया है गुरु तथा श्रेष्ठ पुरुषों के द्वारा कही गई किसी भी बात का अपनी बातों से खंडन नहीं करना चाहिए।
शुक्र नीति कहती है गुरुजनों तथा राजा के सामने ऊंचे आसन पर न बैठें, पैर फैला कर न बैठें और उनकी कही बातों का अपने तर्कों द्वारा खंडन न करें। आप से उम्र में बड़ा जब कोई व्यक्ति सो रहा हो तो उन्हें जगाना नहीं चाहिए।
लघ्वाश्वलायन स्मृति में बताया गया है, जो मनुष्य श्रेष्ठ पुरुषों के सामने ऊंचे आसन पर बैठता है, वह निश्चय ही इस लोक में और परलोक में कष्ट पाता है।
विष्णु पुराण के अनुसार अपने से बड़ों के सामने मल-मूत्र त्यागना या थूकना नहीं चाहिए।
नीतिवाक्यामृत कहती है जब बहुत अधिक क्रोध आया हो तो ऐसी अवस्था में भी अपने से पूज्य पुरुषों की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
पारस्करगृह्य सूत्र में कहा गया है देव, मंदिर, ब्राह्मण, गाय और अपने से बड़ों के पास पहुंचने से पहले ही अपने वाहन से उतर जाना चाहिए। उनके पास चल कर जाना चाहिए।
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